उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने मूल निवास, गैरसैंण, भू कानून, भाषा आदि को लेकर दिया धरना, आंदोलनकारियों पर क्या बोल गए राज्य आंदोलनकारी राजीव गौड़

कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने मूल निवास 1950 भू कानून राजधानी गैरसैंण बनाने और गढ़वाली और कुमाऊनी को भाषा का दर्जा दिए जाने को लेकर तहसील कोटद्वार में धरना दिया।

धरना राजेंद्र प्रसाद पंत के संरक्षण में हुआ और धरने की अध्यक्षता अतुल भट्ट द्वारा की गई व संचालन एडवोकेट जगदीश प्रसाद जोशी के द्वारा किया गया, और सबसे पहले खटीमा गोलीकांड और मसूरी गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

धरने में बोलते हुए राज्य आंदोलनकारी एडवोकेट राजीव गौड़ ने कहा कि हमने राज्य आंदोलन में ढाई माह की जेल फतेहपुर में काटी, सरकार ने नौकरी दी मगर नहीं ली और पेंशन भी नहीं ली और तथाकथित अपने आप को आंदोलनकारी कहने वाले लोग पेंशन पट्टा में भाजपा कांग्रेस की सरकारों से समझौते करके बैठ गए और अब दस प्रतिशत अवैध क्षैतिज आरक्षण लेकर बैठ गए हैं और इन्ही लोलीपोपों की वजह से मूल निवास भू कानून में परिवर्तन कर उन्हें खत्म किया गया और राजधानी गैरसैंण नहीं बन पाई और इसी वजह से नैनीताल सांसद संसद में गढ़वाली कुमाऊनी की जगह बंगाली भाषा की वकालत करते हैं।

 

एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि एक नहीं रहेंगे तो कटते रहेंगे इस लिए हमें एक रहने की जरूरत हैं।

देवव्रत काला ने कहा कि दुख की बात है कि दिल्ली में मुजफ्फरनगर का आदमी बता रहा है कि उनको उत्तराखण्ड में वहां के विधायक जमीनें बेच रहे हैं। उन्होंने कहा ये हमारा दुर्भाग्य है कि बाहर का आदमी कह रहा है कि तुम्हारा कोई भी काम होगा तो मैं करा दूंगा।

बैठक में  एडवोकेट भानु प्रकाश बलोधी, एडवोकेट अखिलेश घिल्डियाल, राजेंद्र सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, एडवोकेट विजय नैथानी, आशीष किमोठी, राकेश नैथानी, राजा राम मेंदोला, ठाकुर उम्मेद सिंह रावत, अनूप सिंह बिष्ट, प्रियांशु बिष्ट,  महाराज सिंह बिष्ट,राजदर्शन , आशीष, मनोज बलूनी, दीपक सिंह रावत, मुकेश चंद्र कवटियाल, प्रवीण थापा, अभय काला आदि मौजूद थे।

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