मोदी राज में आर्यभट्ट विज्ञान शोध संस्थान में घोटाले पर हाई कोर्ट ने क्या कहा!

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान में तमाम गड़बड़ियों की उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, एरीज प्रशासन तथा वन विभाग को जवाब दाखिल करने को कहा है।

वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में नंदप्रयाग चमोली निवासी दयाल सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया कि एरीज की ओर से सड़क बनाने के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को 99 लाख दिए गए, लेकिन घटिया निर्माण किया गया। जनवरी 2023 में सड़क उखड़ गई जबकि ठेका 18 मई 2022 को दिया गया था। एरीज के सिविल वर्क प्रभारी ने खुद सड़क निर्माण को संतोषजनक नहीं मानते हुए भुगतान नहीं करने की संस्तुति की थी।

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि सितंबर 2023 में बनाए गए हॉस्टल के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ काट दिए, लेकिन  शिकायत के बाद भी वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।

एरीज में वैज्ञानिक (डी)के एक व वैज्ञानिक (सी) के दो पदों पर जुलाई 2023 में नियम कायदों को ताक में रखकर नियुक्तियां की गई। इन नियुक्तियों में ना योग्यता का मापदंड पूरा किया गया, ना ही आरक्षण का अनुपालन किया गया।

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