तेज तर्रार आईएएस अधिकारी को शासन में क्या पद भार मिला!

देहरादून । तेज तर्रार आईएएस अधिकारी ललित मोहन रयाल को मुख्य सचिव का स्टाफ अफसर  बनाया गया है।  2004 पीसीएस बैच के टॉपर रहे ललित मोहन रयाल, 2011 में आईएएस संवर्ग में प्रोन्नत हुए थे।

20 सालों की अपनी सर्विस के दौरान ललित मोहन रयाल ने विभिन्न विभागों में अपनी अलग कार्यशैली की वजह से अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी। जिस वजह से उनके जल्द से जल्द स्थानांतरण भी होते रहे।

वह एक ऐसे अधिकारी भी हैं जिनको मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में मुख्यमंत्री का अपर सचिव नियुक्त किया गया था। जिस पर कुछ कतिपय संदिग्ध अधिकारियों द्वारा उनका पद अपर सचिव से घटा दिया गया था, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से शासन को अवगत करा दिया गया था कि, वह अपर सचिव पद के अधिकारी हैं, और उससे नीचे के पद भार को वह ग्रहण नहीं करेंगे। तो शासन को दोबारा उन्हें अपर सचिव मुख्यमंत्री का पद देना पड़ा था।

तेज  तर्रार आईएएस अधिकारी ललित मोहन रयाल को मुख्य सचिव का स्टाफ अफसर बनाने से शासन के कतिपय वर्ग में हड़कंप भी है, क्योंकि वर्तमान में वे अपर सचिव, माननीय मुख्यमंत्री  व कार्मिक एवं सतर्कता विभाग भी हैं।

उनके कर्तव्य निष्ठा ईमानदारी और योग्यता को देखते हुए उन्हें मुख्य सचिव का स्टाफ अफसर बनाने के साथ ही उनके पूर्व से चले आ  रहे पदभार को यथावत रखा गया है। यानी अब वह मुख्य सचिव का स्टाफ अफसर होने के साथ-साथ अपर सचिव मुख्यमंत्री व कार्मिक एवं सतर्कता विभाग भी रहेंगे।

टिहरी गढ़वाल जिले के दोगी पट्टी के मूल निवासी हैं आईएएस ललित मोहन रयाल। ललित मोहन रयाल को ईश्वर ने विशेष रूप से बनाया है, क्योंकि प्रशासनिक सेवा में रहते हुए उनके उन्होंने अपने अंदर के साहित्यकार को मरने नहीं दिया और दो-तीन किताबें लिख डालीं।

साहित्यकार होने के साथ-साथ उनके ठेठ गढ़वाली होने का सबूत यह है कि वह आज भी कूटी हाथ में पकड़ कर अपने सगोडे में खेती का आनंद  भी उठाते हैं।

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