हरिद्वार। उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार का बोलबाला चल रहा है, जिस भी प्रकरण में हाथ डालो करोड़ों का घोटाला नजर आता है। ऐसा ही एक प्रकरण एक ग्राम विकास अधिकारी का प्रकाश में आया है जिसने ग्राम का विकास करते करते अपना खुद के विकास का महल खड़ा कर दिया है।
ग्राम विकास अधिकारी की 01.01.2007 से 31.12.2018 तक वैध स्रोतों से अर्जित कुल प्राप्त आय 1,50,52,159.00/- (एक करोड पचास लाख बावन हजार एक सौ उनसठ रुपये) ही हैं, लेकिन कुल व्यय 6,23,32,159.00/- (छः करोड तेईस लाख बत्तीस हजार एक सो उनसठ रुपये) है।
कुल आय से 4,72,80000/- (चार करोड़ बहत्तर लाख अस्सी हजार रुपये) अधिक मतलब 314 प्रतिशत अधिक है।
ये ग्राम विकास अधिकारी हैं रामपाल सिंह (ब्लॉक लक्सर जिला हरिद्वार) जिन्हें आज विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार कर लिया।
ग्राम विकास अधिकारी की पत्नी पूनम सिंह के नाम पर हरिद्वार में विभिन्न स्थानों पर 07 भू-खण्ड, गाजियाबाद में 01 डुप्लेक्स बिल्डिंग और 01 भू- खण्ड, बुलन्दशहर में 01 भू-खण्ड, 01 मर्सडीज कार (मूल्य रू. 50 लाख), 01 हुण्डई कार (मूल्य रू. 24 लाख) 03 दुपहिया वाहन (02 एक्टिवा व 01 बुलेट) हैं।
अभियुक्त रामपाल, ग्राम विकास अधिकारी को पूछताछ के लिए सतर्कता सैक्टर कार्यालय देहरादून पर बुलाया गया था। अभियुक्त रामपाल से इतनी अधिक संपत्ति की जानकारी मांगी गई तो ग्राम विकास अधिकारी के पास कोई भी विवरण इसका नहीं था।
विवेचना में पर्याप्त तथ्यों के आधार पर शासन ने आरोपी रामपाल के खिलाफ़ अभियोजन चलाये जाने की अनुमति प्रदान की गई, जिसके बाद आज शुक्रवार 27 सितम्बर को सतर्कता सेक्टर कार्यालय देहरादून में हिरासत में लिया गया ।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है, मगर मोदी धामी सरकार केवल निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्यवाही कर अपना पल्लू झाड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक सम्पत्ति का मुकदमा चलाने की अदालत के कैबिनेट के पास भेजे गाय प्रस्ताव पर मोदी धामी डबल इंजन सरकार कार्यवाही करने से डर रही है। बड़े अधिकारी अपनी संपत्तियों का ब्योरा तक नहीं दे रहे हैं। यह बताता है कि उत्तराखण्ड में ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है, और फेस सेविंग के लिए सरकार निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्यवाही कर रही है।