कोटद्वार : सरकार का काम है शिक्षा, स्वास्थ्य ,रोजगार बिजली पानी सड़क का विकास और रोजगार देने हेतु काम करना । जल जंगल जमीन का संरक्षण। इन मुद्दों पर नाकाम ही नहीं यू टर्न ले चुकी है सरकार। सैनिकों की जगह अग्निवीर भर्ती कर रही है। सरकारी पदों को भरा नहीं जा रहा है इसलिए पद भी खत्म किया जा रहे हैं यानी युवाओं में हुनर तो होगा मगर उनके लिए सरकार के पास कोई रोजगार नहीं होगा। सरकार कह रही है कि आप स्वरोजगार करें मगर उसके लिए जो माहौल पैदा करना है वह सरकार के पास नहीं है। पूर्व में बनाए गए सार्वजनिक उपक्रम न केवल देश के विकास के लिए थे वरन उनसे लाखों लाख लोग सीधे अप्रत्यक्ष प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे थे , और उनके परिवार चल रहे थे। उन उपक्रमों को निजी हाथों में बेचकर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लोगों की आजीविका के साथ खिलवाड़ किया गया, क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र में जिन मानवीय नियमों को लागू करके पांच लोगों को नौकरी दी जाती है, निजी क्षेत्र इस काम को केवल एक बंदे से करवा देता है। इस तरह चार लोग खुद-ब-खुद बेरोजगार हो जाते हैं।
पिछले 10 सालों में 50 हजार करोड़ का कर्ज कम करने की बजाय दो लाख करोड रुपए कर दिया गया है , मगर न तो रोजगार सृजन हुआ , न ऐसा कुछ जो उपलब्धि कही जाय। राष्ट्रीय राजमार्ग तो बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर मोड पर बन रहे हैं। ऐसे में इनपर सरकार का क्या खर्च। ऐसे में इन सारे मुद्दों पर अगर बात हो तो चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सुपड़ा साफ हो जाए। क्योंकि महंगाई बढ़ रही है । पिछले चुनाव में₹30 लीटर पेट्रोल के वादे पर आई सरकार। 5 करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने की बात करने वाली सरकार 50000 लोगों को सीधे रोजगार नहीं उपलब्ध करा पा रही । महंगाई कम होने की बजाय दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।
काला धन दिखाई नहीं दे रहा। सरकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है । पहले स्थानीय नेता प्यार मोहब्बत गाली गलौज से जनता के काम करवा भी देते थे । अब अधिकारी नेताओं की भी नहीं सुन रहा। इन सब से बचने के लिए एक ही रास्ता है कि सबको राम धुन में लगा दिया जाए।
बोल सियावर रामचंद्र भगवान की जय