राजधानी गैरसैंण ही गढ़वाली कुमाऊनी को बचा सकती है, मूल निवास 1950 से बची रहेगी गढ़वाल कुमाऊँ की संस्कृति

कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने की राजधानी गैरसैंण बनाने की मांग। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सह सचिव चंद्रेश योगी ने कहा कि गढ़वाली और कुमाऊनी के विकास के लिए राजधानी गैरसैंण का होना बेहद जरूरी है।

चंद्रेश योगी ने कहा कि इन 25 सालों में भाजपा और कांग्रेस ने लगातार जनता को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस ने कभी ग्रीष्मकालीन राजधानी के नाम पर तो कभी अस्थायी राजधानी के नाम पर गैरसैंण के नाम की माला जपने वाले खुद मैदान से उठ कर पहाड़ नहीं आना चाहते हैं।

चंद्रेश योगी ने कहा कि गढ़वाली कुमाऊनी समाज संस्कृति और भाषा को अगर बचाना है तो राजधानी गैरसैंण ही बनानी पड़ेगी। देहरादून के राजधानी रहते पहाड़ के ज्वलंत सवाल हाल नहीं हो सकते और अधिकारी पहाड़ को पिकनिक स्पॉट से ज्यादा कुछ नहीं समझते।

उन्होंने मूल निवास 1850 लागू करने की मांग के साथ साथ आरक्षण खत्म करने की मांग भी कहीं। उन्होंने कहा कि आरक्षण का फायदा राज्य के मूल निवासी नहीं बाहर के राज्यों के वो लोग उठा रहे हैं जिन्हें गढ़वाल कुमाऊँ की भाषा, संस्कृति और समाज के बारे में कुछ नहीं पता है।

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