आखिर रामदेव और बालकृष्ण ने छपवा ही दिया माफीनामा, शीर्ष अदालत ने लगाई थी फटकार

नई दिल्ली। एक कहावत है गये थे नमाज बखशवाने, रोजे गले पड़ गये। ये कहावत रामदेव और बालकृष्ण पर बिल्कुल सटीक बैठी, जब माननीय शीर्ष न्यायालय में आईएमए द्वारा उनके खिलाफ भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में दायर याचिका के संबंध में चल रही सुनवाई के दौरान, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रामदेव और बालकृष्ण को विवादित विज्ञापनों के प्रकाशन पर दौराने सुनवाई रोकने के आदेश  दिये थे।

माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा विवादित विज्ञापनों को रोकने के आदेश दिये जाने के बावजूद रामदेव और बालकृष्ण द्वारा विज्ञापनों का प्रसारण नहीं रोका गया और एक कदम आगे बढ़कर एक प्रेस कांग्रेस भी कर दी गई।

अभी आईएमए द्वारा दायर याचिका का निस्तारण नहीं हुआ है, और उससे पहले ही माननीय शीर्ष न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन का मामला खड़ा हो गया था। अब रामदेव और बालकृष्ण द्वारा माफीनामा विभिन्न अखबारों में छपवाया जा रहा है। मजे की बात यह है कि जिस विवाद पर इतना हंगामा और माफीनाना आया है, उसपर सुनवाई होनी बाकी है।

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