नैनीताल। ताजा घटनाक्रम में उत्तराखण्ड के उच्च न्यायालय ने चल रही सुनवाई में, मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायाधीश राकेश थपलियाल की पीठ जो आईडीपीएल ऋषिकेश के संबंध में जुड़ी हुई कुछ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और सचिव सुधांशु की आपत्तियों को दरकिनार कर ऋषिकेश के आईडीपीएल में उच्च न्यायालय की एक पीठ के गठन के लिए संभावनाओं को तलाशे जाने का आदेश दिया।
आज हाई कोर्ट की डबल बेंच में मामले की सुनवाई में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और सचिव सुधांशु मौजूद थे। अचानक मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी ने कहा कि आईडीपीएल ऋषिकेश की जमीन राज्य सरकार को वापस की जा चुकी है, वहाँ पहले से ही इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, ऐसे में वहाँ कंस्ट्रक्शन के मसले पर पहले ही अनापति मिली हुई है। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि हाई कोर्ट में 70% मामले देहरादून की तरफ के इलाकों से आते हैं, और उन्हें हाई कोर्ट आने के लिए एक लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है, उन्हें यहाँ आने के लिए कम से कम छह सात घंटे लगते हैं, ऐसे में आईडीपीएल ऋषिकेश में हाई कोर्ट की एक बेंच स्थापित की जा सकती है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें, चुंकि आईडीपीएल में पहले से ही निर्माण कार्यों को अनुमति मिली हुई थी, ऐसे में वहाँ जो भूमि है, उस पर निर्माण में कोई रोक नहीं लगेगी।
इस पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मामले को टालने की बात की और कहा कि वो भूमि वन विभाग की है, ऐसे में थोड़ा मुश्किल है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी ने कहा कि जब हाई कोर्ट नैनीताल की स्थापना हुई थी तब यह तीन जजों की बेंच थी, आज यहाँ ग्यारह जज हैं, और आने वाले समय में इनकी संख्या में दुगुना तिगुना इजाफा होना है, लिहाजा पीठ आने वाले समय के दृष्टिगत, इस मामले को देखते हुए आईडीपीएल ऋषिकेश में हाई कोर्ट की बेंच बनाने के इच्छुक है, और वह चाहती है कि सरकार इसकी संभावनायें तलाशे। माननीय पीठ ने सचिव सुधांशु की आपत्तियों को भी दरकिनार कर दिया।
बताया जा रहा है कि आईडीपीएल की बेस कीमती जमीन किसी बड़े उद्योगपति को देने की तैयारी थी। हाई कोर्ट के आज के आदेश के बाद भाजपा सरकार को करारा झटका लगना तय माना जा रहा है। उधर नैनीताल के वकील भी इसके विरोध में उतर आयें हैं, और उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से मिलने का समय मांगा है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि समय आ गया है कि बेंच की स्थापना गैरसैंण हो ताकि पहाड़ में विकास हो सके। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने बोला कि मैदान के लोग इस छोटे राज्य का सुख भोग रहे हैं, तो उन्हें दुखों में भी साझीदार बनना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सब कुछ अगर मैदान ने ही होना है तो राज्य की अवधारणा का कोई मतलब नहीं है। अभी भी समय है कि राजधानी और हाई कोर्ट गैरसैंण में स्थापित किये जायें।