नई दिल्ली। संसद सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के साथ अपनी कटुता को उजागर करते हुए कहा कि आपातकाल लोकतंत्र पर काला धब्बा है। जो लोग देश के संविधान के गरिमा के प्रति समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून ना भूलने का दिन है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी यह कभी नहीं भूलेगी कि संविधान को पूरी तरह से जानकारी दिया गया था। भारत को जेल खाना बना दिया गया था। लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।
प्रधानमंत्री के हमले पर पलटवार करते हुए विपक्षी कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपातकाल के जिक्र पर प्रधानमंत्री मोदी को जवाब दिया कि आखिर कब तक आप इसकी चर्चा करेंगे ? आपने तो 10 वर्ष से देश में अघोषित आपातकाल लगा रखा है। जनता ने चुनाव में उसे खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश को आस थी कि मोदी महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलेंगे, लेकिन उन्होंने पुराना राग अलापना शुरू कर दिया। अगर आप अपने खिलाफ जनादेश के बावजूद प्रधानमंत्री बने हैं तो, काम की बात करनी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन संसद में आम सहमति चाहता है। हम सदन में और सड़कों पर लोगों की आवाज उठाते रहेंगे और संविधान की रक्षा करेंगे।