मूल निवास 1950 भारतीय होने की पहचान, मोटर नगर के दोषी भेजे जायेंगे जेल: उविपा

कोटद्वार । आज मूल निवास 1950 के मुद्दे पर उत्तराखण्ड विकास पार्टी की बैठक मंगलम कम्युनिटी सेंटर में हुई। बैठक की अध्यक्षता ठाकुर उम्मेद सिंह रावत ने की।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि इस समय देश ऐसे दौर से गुजर रहा है जहाँ इस प्रकार का माहौल बना दिया गया है कि आदमी आदमी से पूछ रहा है कि तुम इस देश के नागरिक हो कि नहीं। अभी मुंबई हाई कोर्ट ने भी कहा है कि वोटर कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड आदि आदि नागरिकता के सबूत नहीं है। तो ऐसे में स्वत: ही सवाल उठ खड़ा होता है कि फिर भारत की नागरिकता का सबूत क्या है ?
इस लिए इस दौर में जहाँ राजनैतिक दुर्भाव के कारण आजादी के 78 सालों बाद नागरिकता का सवाल उठाया जा रहा है, ऐसे में आम गरीब आदमी के लिए मूल निवास 1950 ही सबसे बड़ी पहचान है।

 

वक्ताओं ने मोटर नगर प्रकरण, रामनगर चिल्लरखाल हरिद्वार मोटर मार्ग, फ्लश डोर फैक्ट्री मामलों का शीघ्र निस्तारण किए जाने के लिए हर संभव उपाय किए जाने की बात की। मोटर नगर प्रकरण में अपर सचिव मुख्यमंत्री ललित मोहन रयाल की जाँच आख्या से सिद्ध हो गया है कि मोटर नगर प्रकरण में अधिकारियों ने ठेकेदार के संग मिलीभगत कर सरकार के पैसों के गबन की साजिश रची थी। इसमें मुजीब नैथानी ने मय साक्ष्य नगर आयुक्त को उक्त प्रकरण की एफआईआर दर्ज करने को कहा है।

बैठक में राकेश अग्रवाल, अतुल भट्ट, चंद्र प्रकाश नैथानी, सम्पूर्ण सिंह नेगी, एडवोकेट जगदीश चन्द्र जोशी, रंजना गुसाईं,दीपक सिंह रावत, सुनील रावत, मनोज सिंह, विजय पाल सिंह रावत, महाराज सिंह बिष्ट, हर्षवर्धन ध्यानी, एडवोकेट किशन सिंह पंवार, इंद्रमणि देवरानी, दिनेश जुआल, रेंजर राजेंद्र प्रसाद पंत, सुदर्शन रावत, सुधांशु थपलियाल, सुदीप बौठियाल, शरद जदली, एडवोकेट विजय नैथानी, संजय मलासी, राकेश ध्यानी, के पी नैथानी, राजेंद्र प्रसाद कोटनाला, एस. एन. नौटियाल, अनिल जदली, मोहित थपलियाल, संदीप परिंदियाल, राकेश लखेड़ा, अभय काला आदि शामिल थे।

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