कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के दस सालों के राज में मंहगाई बेतहाशा बढ़ी है, दस सालों में शिक्षा और चिकित्सा पचास साल पीछे चले गए हैं, आज एक आम नागरिक के वेतन से महंगी है विद्यालयों और कॉलेजों की फीस और अस्पताल में किसी गंभीर बीमारी का इलाज कराना पड़ जाये तो आम आदमी की पूरी जमा पूंजी एक झटके में साफ हो जाती है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के महासचिव संजय बुडाकोटी ने कहा कि मोदी शासनकाल के दस सालों में मंहगाई रॉकेट की तरह बढ़ी है। खुद सरकारी एजेंसियों के आंकड़े बताते हैं कि मंहगाई की वजह से घरेलू बचत दर कम हो गई है, यानी आम नागरिक छोटी छोटी चीजों के लिए भी बचत करने की स्थिति में नहीं रहा है। बढ़ती मंहगाई, स्कूल फीस, दवा और इलाज सबने आम आदमी की कमर तोड़ दी है।
संजय बुडाकोटी ने कहा कि दस सालों में रुपया सीधे ही 25 रुपए तक गिरा है, ऐसा सत्तर सालों के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि देश की गिरती हुई हालत को छिपाने के लिए मोदी सरकार नाम बदल बदल कर लोगों का ध्यान भटकाने की नाकाम कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार के विधायकों को मियांवाला का इतिहास तक नहीं पता फिर वो इतिहास में गलत पढ़ाया गया कहते हुए इतिहास बदलने की नाकाम कोशिश करते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले उत्तराखण्ड का नाम बदलकर राज्य शहीदों की शहादत का अपमान भाजपा ने किया था अब लैंसडौन का नाम बदलने की कोशिश भी उसी कड़ी का हिस्सा है मगर आश्चर्य है कि लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने इस बात का विरोध किया है क्योंकि उनकी पृष्ठभूमि ऐसी कट्टर अंधभक्ति की नहीं रही है।
उन्होंने मोदी सरकार को चुनौती दो और कहा कि नाम बदलने की बजाय जनता को राहत पहुँचाने वाले काम करने में मोदी सरकार ध्यान दे अन्यथा टिहरी सांसद की शाह की पदवी बदल कर दिखाए जो दिल्ली के सुल्तान के द्वारा प्रदान की गई थी।