पेरिस। फ्रांस सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फलस्तीन को औपचारिक रूप से एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा। राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने 25 जुलाई को यह घोषणा की। फ्रांस जी-7 समूह का पहला सदस्य देश होगा, जो फलस्तीन को मान्यता देगा। आयरलैंड, स्पेन, नॉर्वे और स्लोवेनिया समेत लगभग 150 देश फलस्तीन को पहले ही मान्यता दे चुके हैं।
माक्रों ने एक्स पर लिखा, “मध्य पूर्व में एक न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए अपनी ऐतिहासिक प्रतिबद्धता के प्रति सच्चा रहते हुए, मैंने फैसला किया है कि फ्रांस फलस्तीन राज्य को मान्यता देगा। मैं सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक औपचारिक घोषणा करूंगा।”
फलस्तीनी प्राधिकरण ने माक्रों की घोषणा का स्वागत किया। प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के उप प्रमुख हुसैन अल-शेख ने कहा कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति फ्रांस की प्रतिबद्धता और आत्मनिर्णय के लिए फलस्तीनी लोगों के अधिकारों और हमारे स्वतंत्र राज्य की स्थापना के लिए उसके समर्थन को दर्शाता है।
वहीं, इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने माक्रों के इस फैसले की निंदा की है। उन्होंने इसे एक ऐसा कदम बताया जो आतंकवाद को पुरस्कृत करता है और गाजा की तरह एक और ईरानी प्रॉक्सी बनाने का जोखिम उठाता है।
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