अमेरिका के साथ दोस्ती बढ़ावा पड़ा मोदी सरकार को भारी, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने लगाये भारत पर गंभीर आरोप

वाशिंगटन । अमेरिका ने भारत पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने ही मंत्रालय की धार्मिक एजेंडा रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव बढ़ गया है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधीन काम करने वाला अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग हर साल दुनिया के देशों में धर्म और नल के आधार पर होने वाले भेदभाव के आधार पर एक रिपोर्ट जारी करता है, जो विभिन्न देशों द्वारा रंगभेद व नस्ल भेद उन्मूलन के लिए अमेरिका के द्वारा किए जा रहे प्रयासों को दिखाता है।

अमेरिका लगातार नस्ल भेद और रंगभेद के खिलाफ मुखर रहा है और अमेरिका में श्वेत आबादी व श्वेत लोगों का दबदबा होने के बावजूद काले लोगों के अधिकार के मामले में काफी तरक्की हुई है। यहाँ तक कि अमरीका में बराक हुसैन ओबामा जो कि अश्वेत है,  अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा कि वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी 2023 में अपने भारतीय समकक्षों के साथ धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर चिंता जताते रहे। भारत में अमेरिका धर्मांतरण विरोधी कानूनों, घृणास्पद भाषण, अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के सदस्यों के घरों और पूजा स्थलों के विध्वंस में चिंताजनक वृद्धि देख रहा है।

उधर इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन ने धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट और इसके बारे में अमेरिकी विदेश मंत्री क्लिंटन के बयान की कड़ी आलोचना की है।

उविपा के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारत के प्राकृतिक मित्र रूस से ज्यादा अमेरिका के साथ पींगे बढ़ाना खतरनाक है। हाॅउड़ी मोदी मनोरंजन और चुनावी दृष्टिकोण से सही हो सकता है, पर देश की सुरक्षा और नाम के मामले में अमेरिका पर आँख बंद कर भरोसा करना भारी पड़ेगा। एडवोकेट जोशी ने कहा कि रूस भारत का स्थाई मित्र है, इसलिए भारत को अमेरिका के साथ ज्यादा दोस्ताना व्यवहार रूस के साथ स्वाभाविक दोस्ती में व्यवधान उत्पन्न कर सकता है।उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में पीठ पीछे तालिबान शासन लाना अमेरिका का ही काम रहा है।

 

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