पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में IAS निधि यादव की दूरदर्शी पहल लाई रंग, प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिखाई रुचि

देहरादून । निदेशक पंचायती राज IAS निधि यादव की दूरदर्शिता के साथ पंचायतों को संवैधानिक निर्देशों के अनुरूप स्वशासन की संस्था के रूप में विकसित करने के प्रयास सफल होते दिखाई दे रहे हैं। उनकी पहल ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है और केंद्र सरकार भी इस दिशा में साथ काम करने के लिए उत्सुक है।

हाल ही में, सेतु आयोग के तत्वावधान में UPES कंडोली में प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर ऑफ इंडिया (PSA), जो प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए कार्य करता है, द्वारा स्मार्ट विलेज सेंटर की अवधारणा पर एक कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में निदेशक पंचायती राज निधि यादव द्वारा भेजी गई टीम ने पंचायती राज विभाग द्वारा निर्मित 39 पंचायत लर्निंग सेंटर, वर्तमान वर्ष में बनने वाली 13 महिला हितैषी ग्राम पंचायतें और पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स (PAI) में सभी 9 थीमेटिक विषयों में सर्वोच्च रैंकिंग प्राप्त 27 ग्राम पंचायतों सहित कुल 79 ग्राम पंचायतों में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सभी योजनाओं को शत प्रतिशत संतृप्तिकरण के आधार पर क्रियान्वित करने के लिए एक विस्तृत रणनीतिक कार्ययोजना प्रस्तुत की।

इस प्रस्तुतीकरण के बाद, तीन दिवसीय कार्यशाला का मुख्य विषय “स्मार्ट विलेज सेंटर” की जगह पंचायती राज विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई कार्ययोजना बन गया। इस सफलता के बाद, नई दिल्ली से प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर ऑफ इंडिया के निदेशक ने पंचायती राज निदेशक निधि यादव से प्रदेश में साथ काम करने का प्रस्ताव दिया।

इससे पहले कि पंचायती राज विभाग कोई प्रतिक्रिया देता, सेतु आयोग के अधिकारियों ने बताया कि आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शीघ्र ही पंचायती राज विभाग के उच्च अधिकारियों से संपर्क कर सभी संबंधित विभागों के साथ प्रभावी अभिसरण (convergence) करने के संबंध में ठोस पहल करेंगे। इसका उद्देश्य पंचायतों को एक अंब्रेला संस्थान के रूप में विकसित करना है, ताकि गांव में निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिल सके। इससे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के मिशन को साकार किया जा सकेगा और उत्तराखंड की पंचायतों को राष्ट्रीय स्तर पर मॉडल के रूप में स्थापित कर प्रदेश को गौरवान्वित किया जा सकेगा।

चाहे पंचायत लर्निंग सेंटर हों, महिला हितैषी ग्राम पंचायतें या पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स में डेटा फीडिंग और अपडेट करने के लिए विशेष प्रयास, निदेशक निधि यादव ने सभी क्षेत्रों में लगातार प्रयास किए हैं। उन्होंने समय-समय पर सभी गतिविधियों का अनुश्रवण और मूल्यांकन करते हुए अपनी सक्षम प्रशासनिक क्षमता और दूरदर्शिता का परिचय दिया है। इसी का परिणाम है कि आज केंद्र और राज्य सरकार की नीति निर्धारण करने वाले विभागों में पंचायती राज विभाग के साथ कार्य करने की होड़ लगती हुई प्रतीत हो रही है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के PSA और उत्तराखंड के सेतु आयोग ने पंचायती राज विभाग की कार्ययोजना को क्रियान्वित करने के लिए जो उत्सुकता और प्रतिबद्धता दिखाई है, वह उत्तराखंड पंचायती राज के विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। पंचायती राज विभाग ने तकनीक और वैज्ञानिक विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में विकास के 9 थीमेटिक विषयों में निर्धारित समस्त गतिविधियों का डेटा संग्रहण और संकलन कर पंचायत एडवांसमेंट पोर्टल पर अपलोड किया है। इसके कारण प्रदेश के किसी भी ग्राम पंचायत की विकास गतिविधियों और विकास सूचकांकों को ऑनलाइन सार्वजनिक रूप से पंचायतीराज विभाग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है ।

IAS निधि यादव के नेतृत्व में पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं और इससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी।

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