देहरादून। पहाड़ में बढ़ते बाघों के हमले और बाघों को पकड़ने की बजाय जान से मार दिए जाने की वीडियो वायरल होने के बाद शासन प्रशासन में हड़कंप है। इसी क्रम में टिहरी जिले के कीर्ति नगर ब्लॉक के मलेथा गांव में गुलदार को मारने के मामले में प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव डॉक्टर समीर सिन्हा ने चीफ गढ़वाल को जांच के आदेश दिए हैं।
डॉ समीर सिंह ने जांच के आदेश में लिखा है कि गुलदार ने किन परिस्थितियों में ग्रामीणों पर हमला किया। इन सभी पहलुओं की जांच की जाए। उल्लेखनीय है कि वन विभाग की टीम ने 23 फरवरी को गुलदार मार गिराया था। वन विभाग की ओर से यह बताया गया था कि गुलदार दो दिनों में नौ लोगों पर हमला कर चुका था। इसमें पांच महिलाएं और चार वन्यकर्मी शामिल थे। वन विभाग द्वारा यह बताया गया था कि गुलदार को आत्मरक्षा में मार गिराया गया है, जबकि सोशल मीडिया में वायरल हो रही वीडियो में आत्मरक्षा वाली बात कहीं नजर नहीं आ रही है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि अधिकारी वन जीवन के प्रति संवेदनशील नहीं हैं, जिस वजह से वन्य जीवों की आक्रामकता आम लोगों के खिलाफ बढ़ रही है, और अधिकारी इसका हल केवल वन्य जीवों की हत्या मान रहे हैं। जिन वजहों से वन्य जीवों और मनुष्य के बीच संघर्ष बढ़ रहा है, ऐसी वजहों और उनका समाधान तलाशने की बजाय भाजपा सरकार सोई हुई है। वन्य अधिकारी ग्राउंड जीरो पर समस्या का निदान करने जाने की बजाय विदेश गमन में ज्यादा उत्सुक है। लोगों को अब अगर पहाड़ में जीवन जीना है, तो जनप्रतिनिधि चुनने के समय किसी भी मिनिया या अंधभक्ति से बाहर आना पड़ेगा।