प्री पेड मीटर केवल कुछ व्यवसायियों के हितों के लिए जनता का शोषण है, सरकारी और व्यवसायिक कनेक्शनों पर लगें मीटर : उविपा

कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चन्द्र जोशी ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश का बिजली विभाग सरकारी विभागों से ही बिजली का बिल जमा नहीं करवा पा रहा है और करोड़ों रुपयों की उधारी खुद सरकारी महकमों पर है। उन्होंने कहा कि अकेले गढ़वाल जिले में सरकारी महकमों ने 33 करोड़ रुपए बिजली विभाग के देने हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे प्रदेश की क्या स्थिति होगी।

एडवोकेट जोशी ने कहा कि प्री पेड स्मार्ट मीटर सरकारी विभागों और फैक्ट्रियों में लगाये जाने चाहिए इससे बिजली के बकाये में भारी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कतिपय कुछ व्यवसायों को फायदा पहुँचाने के लिए प्री पेड मीटर ला रही है जबकि अधिकांश गढ़वाली कुमाऊँनी लोग तय समय पर बिजली के बिलों का भुगतान कर देते हैं।

उन्होंने कहा कि बिजली के बिलों के भुगतान के सबसे बड़े सिरदर्द खुद सरकारी विभाग और व्यवसायी हैं। उन्होंने कहा कि मात्र व्यवसायिक और सरकारी विभागों में प्री पेड मीटर लगा देने से समस्या का समाधान हो सकता है तो जनता को परेशान करने की जरूरत क्या है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जनहित के नाम पर चंद व्यवसायियों के हितों का संरक्षण कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिजली को व्यवसायिक दृष्टिकोण से देखना छोड़े ये हवा और पानी के जैसे महत्वपूर्ण है और सरकार इसे आवश्यक वस्तु अधिनियम में चिन्हित करे ताकि इसका व्यवसायीकरण ना होकर ये जनता के लिए सर्वसुलभ रहे।

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