क्षेत्रीय दलों ने किया बड़ा धमाका, राष्ट्रीय दलों की उड़ी नींद

देहरादून। उत्तराखण्ड में लोकसभा चुनाव के लिए स्थानीय पार्टियों ने मिलकर उत्तराखण्ड रीजनल पार्टी अलायंस ( यूआरपीए) खड़ा कर दिया है। साथ ही टिहरी लोकसभा सीट पर बाॅबी पंवार को अपना समर्थन दिया है। समर्थकों के साथ यूआरपीए के देहरादून स्थित मुख्यालय पहुंचे बाॅबी पंवार का संयोजक शिवप्रसाद सेमवाल और अनिल जुयाल सहित सुलोचना ईष्टवाल ने शाॅल ओढाकर स्वागत किया। साथ ही तन-मन-धन से सहयोग का आश्वासन दिया।

शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि यूआरपीए पांचों सीटों पर उत्तराखंड के हितों के लिए संघर्षरत उम्मीदवारों को समर्थन करेगा।
अलायंस में राष्ट्रीय लोक दल(रालोद) को छोड़कर बाकी छह पार्टियां स्थानीय हैं। जो स्थानीय मुद्दों को लेकर ही जनता के बीच जाएंगी। यूआरपीए की मौजूदगी इंडिया गठबंधन के लिए चुनौती बन सकती है।
छह महीने पहले उत्तराखण्ड क्रांति दल(उक्रांद) से टूटकर बनी राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी यूआरपीए के केंद्र में है। पार्टी की कोशिशों के बाद ही स्थानीय दल एकजुट हुए हैं। रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि उत्तराखंड आंदोलन के बाद प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस ने राज किया। दोनों ही पार्टियां आम लोगों की उन समस्याओं का समाधान नहीं कर पाई, जिसके लिए राज्य बना था।
उत्तराखण्ड जन समर्थन पार्टी के अध्यक्ष अनिल जुयाल ने बताया कि आम लोगों की पीड़ा और समस्याओं को स्थानीय दल ही समझ सकते हैं। लिहाजा, रीजनल पार्टी ने कुछ दलों को मिलकर उत्तराखंड रीजनल पार्टी अलायंस बनाया है।

यूआरपीए गठबंधन की पार्टियां
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी, उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी, उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी, उत्तराखण्ड विकास पार्टी, हिमालय क्रांति पार्टी, उत्तराखण्ड जन समर्थन पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल।

सेमवाल ने बताया कि यूआरपीए की मंगलवार को देहरादून में बैठक होनी हैं। इसमें लोकसभा चुनाव के लिए अन्य उम्मीदवारों के नामों पर विचार विमर्श किया जाएगा। इसके साथ ही चुनाव के लिए रणनीति पर भी मंथन होगा।

यूआरपीए उत्तराखण्ड में मूल निवास और भू-कानून समेत कई स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगा। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से भी सत्ता में रही पार्टियों को घेरने की तैयारी है।
उत्तराखंड के डेढ़ लाख पेंशनरों के हित में कैशलेस ओपीडी तथा गोल्डन कार्ड योजना में पेंशनर्स को पुनः विकल्प लेकर शामिल करने, उत्तराखण्ड में कंक्रीट के जंगलों की जगह पर्यावरण अनुकूल व्यवस्थित शहर बनाने, सड़कों के निर्माण में पेड़ों के कटान पर पूर्ण रूप से रोक लगाने,दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में आधुनिक चिकित्सा व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, बेरोजगारों के लिए रोजगार उन्मुख योजनाएं बनाने आदि जनहित से जुड़ी समस्याओं पर भी यह क्षेत्रीय गठबंधन जनआंदोलन करेगा।अपने साथ राजनीति से विमुख हुए निराशा युवाओं महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों पेंशनर्स संगठनों,सामाजिक संस्थाओं को साथ लेकर उनके सुझावों के आधार पर योजना बनाकर आगे आएगा।

अलायंस का कहना है कि दिल्ली की पार्टियां उत्तराखंड की समस्याओं को नहीं सुलझा सकती, इसके लिए क्षेत्रीय दलों को ही देश की संसद मे अपनी बात रखनी होगी तथा उत्तराखंड मे सत्ता में आना होगा।

इस मौके पर उत्तराखण्ड रीजनल पार्टी अलायंस के मुख्यालय पर शिवप्रसाद सेमवाल, अनिल जुयाल, सुलोचना ईष्टवाल, राजेंद्र गुसांई, आदि पदाधिकारी शामिल थे।
टिहरी लोकसभा उम्मीदवार के साथ मनोज ध्यानी, दर्शन डोभाल, प्रशांत नेगी आदि समर्थक शामिल थे।

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