शिकायतों के बावजूद अतिक्रमण ना हटाने की याचिकाओं की संख्या में बढ़ौतरी देख हाई कोर्ट हुई सख्त, ऐप बना शिकायतों के निस्तारण के दिए आदेश

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सभी जिलों के लिए अतिक्रमण हटाने के लिए शिकायती एप बनाने के लिए कहा है ताकि आमजन इसमें अतिक्रमण की शिकायत दर्ज करा सके।

साथ ही साथ हाई कोर्ट ने 16 अप्रैल को अतिक्रमण संबंधी मामलों में  प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के लिए भी कहा है। 
उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सभी जिलों के लिए अतिक्रमण शिकायती एप बनाने के लिए कहा है, ताकि आमजन इसमें अतिक्रमण की शिकायत दर्ज करा सके।

कोर्ट ने एप में दर्ज शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश देने के साथ ही 16 अप्रैल को प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के लिए भी कहा है।

मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।

कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण को लेकर कोर्ट में बड़ी संख्या में जनहित याचिकाएं लंबित हैं। जब अतिक्रमण को लेकर शिकायत की जाती हैं तो संबंधित विभाग द्वारा अतिक्रमण को हटा देना चाहिए। 

मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष रुद्रपुर के मामले की सुनवाई हुई। रुद्रपुर निवासी शशि बंसल ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जिसकी वजह से सड़कें, गलियां संकरी हो चुकी हैं।अतिक्रमण से आमजन को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम और अन्य विभागों को उनके द्वारा हटाने के लिए प्रत्यावेदन दिया गया परन्तु अतिक्रमण पर कार्रवाई नही हुई। जनहित याचिका में कोर्ट से अतिक्रमण हटाने की मांग की गई है।

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