अदन की खाड़ी में अमेरिका के वाणिज्यिक जहाज पर बुधवार रात ड्रोन हमला हुआ ।आपात संदेश मिलने पर भारतीय नौसेना युद्ध पोत आईएनएस विशाखापट्टनम ने जहाज और इसके चालक दल को बचा लिया। मार्शल द्वीप के झंडे वाले इस जहाज पर 9 भारतीय समेत चालक दल के 22 सदस्य सवार थे । जहाज पर हमला हूती विद्रोहियों ने किया था।
नौसेना प्रवक्ता ने बताया कि समुद्री लुटेरों के खिलाफ अभियान के लिए अदन की खाड़ी में नौसेना का विध्वंसक विमान आईएनएस विशाखापट्टनम तैनात है। इस बुधवार रात 11 बजकर 11 मिनट में अमेरिकी स्वामित्व वाले एमवी जैनको पिकार्डी पर ड्रोन हमले का संदेश मिला। एक घंटे के अंदर ही भारतीय युद्धपोत मदद के लिए पहुंच गया। जहाज पर पोर्ट अदन से दक्षिण में 111 किलोमीटर दूर ड्रोन हमला किया गया था ।
हमले में जहाज में आग लग गई थी। जिसे नियंत्रित कर लिया गया । हमले में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा।
भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध निपटारा विशेषज्ञ निरीक्षण करने के लिए बुधवार रात जहाज पर गए। गहन जांच के बाद जहाज को लंबी यात्रा के लिए मंजूरी दे दी गई ।लुटेरों के हमले से निपटने के लिए भारत ने समुद्र में निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है ।
हूती विद्रोहियों ने यह दावा किया है कि उनकी मिसाइल ने जहाज को निशाना बनाया था। हूती विद्रोहियों के हमले के चलते समुद्र से व्यापारिक जहाजों के आवागमन में बाधा पहुंच रही है।