उत्तराखण्ड के 23 सालों के घोटालों के इतिहास में भर्ती घोटाला रोजमर्रा के घोटालों जैसा हो गया है। अब फिर दरोगा भर्ती घोटाले की विजिलेंस जॉच पूरी हो गई है, और बॉल शासन के पाले में पहुँच गई है।
पर सवाल अब भी वही बाकी है कि क्या विधानसभा भर्ती घोटाले की तरह इस घोटाले में बर्खास्त होंगे दरोगा , या फिर सरकार इस जांची का फुटबॉल बनाएगी।
सन 2015 में हुई इस भर्ती घोटाले में पुलिस मुख्यालय ने जनवरी 2023 में 20 दरोगाओं को निलंबित भी कर दिया था।
इस पूरे मामले में दरोगाओं और उनके परिजनों की संपत्तियों की जांच भी की गई। इसमें पता चला कि कुछ दरोगा ऐसे थे, जिन्होंने अपने परिवार की संपत्तियां गिरवी रखकर माफिया को पैसे दिए थे।
जांच की शुरूआत में शक जताया गया था कि कुल भर्ती दरोगाओं में से कम से कम 33 फीसदी दरोगा नाकाबिल हैं। इनमें से ज्यादातर को अपनी केस डायरी तक लिखना नहीं आता है। इन सब कामों के लिए भी वह दूसरों का सहारा लेते हैं।
2015 में कुल 339 दरोगा सीधी भर्ती के माध्यम से भर्तीविजिलेंस ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब शासन स्तर पर ही बैठक कर इस पर अगली कार्रवाई की जाएगी। जांच में जो तथ्य आए हैं, उनसे शासन को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। डॉ. वी मुरुगेशन, निदेशक विजिलेंस ।