कोटद्वार/मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई मुजफ्फरनगर सीबीआई कोर्ट में चल रही है । उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार से यह मांग की थी कि, रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई को वापस देहरादून सीबीआई कोर्ट में स्थानांतरित किया जाए, क्योंकि उक्त वाद मुजफ्फरनगर में बिना विधिक कार्यवाही के स्थानांतरित किया गया है। साथ ही साथ उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने भाजपा सरकार से यह मांग की थी कि वह आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अच्छे विद्वान वकीलों को इस केस में सुनवाई हेतु नियुक्त करें। मगर भाजपा सरकार ने उत्तराखण्ड विकास पार्टी की उक्त मांग को ठुकरा दिया।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि रामपुर तिराहा कांड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जिस तरीके से मुकदमे को देहरादून स्थानांतरित करने की मांग और राज्य सरकार की ओर से अच्छा वकील करने की मांग को ठुकराया है , वह बताता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आंदोलनकारी शहीदों को न्याय दिलाने के लिए कितनी गंभीर है! उन्होंने कहा कि जो लोग भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं, और खुद को राज्य आंदोलनकारी बताते हैं, और जो राज्य आंदोलनकारी का परिचय पत्र लेकर भी घूम रहे हैं, वे इस मामले में दखल दें, नहीं तो यही प्रतीत होगा कि वे राज्य शहीदों को न्याय दिलवाने के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार से इस प्रदेश के गढ़वाली कुमाऊँनियों को कोई उम्मीद नहीं है , मगर जो लोग खुद को राज्य आंदोलनकारी कहते हैं, उन्हें इतनी शर्म जरूर होनी चाहिए कि राज्य आंदोलन शहीदों को न्याय दिलाने के लिए जो भी सरकार सत्ता में हो उस सरकार पर अपनी तरफ से दबाव बना कर राज्य शहीदों को न्याय दिलवाने की पूरी कोशिश करें।
उधर मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा कांड में सुनवाई के दौरान झिंझाना के तत्कालीन एसओ एस पी मिश्रा (सेवानिवृत्त सी ओ) समेत अन्य आरोपी अदालत में हाजिर नहीं हुए । बचाव पक्ष की ओर से हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दिया गया। अगली सुनवाई के लिए 16 फरवरी की तिथि नियत की गई है।