कोस्ट गार्ड में महिलाओं को स्थायी कमीशन न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने की मोदी सरकार की खिंचाई

नई दिल्ली। तटरक्षक बल में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की मंशा पर सोमवार को सवाल उठाया। कोस्ट गार्ड में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन पर ‘पितृसत्तात्मक’ दृष्टिकोण अपनाने के लिए मोदी सरकार की खिंचाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब सेना और नौसेना ने पहले ही नीति लागू कर दी है , तो कोस्ट गार्ड अलग क्यों होना चाहिए?

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आखिर कोस्ट गार्ड को लेकर मोदी सरकार का रवैया इतना उदासीन क्यों है। जब महिलाएं सीमाओं की रक्षा कर सकती हैं तो फिर महिलाएं तटों की भी रक्षा कर सकती हैं।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘आप नारी शक्ति की बात करते हैं तो अब इसे यहां करके भी दिखाएं। मुझे नहीं लगता कि कोस्ट गार्ड यह कह सकते हैं कि जब सेना, नौसेना ने यह सब कर लिया है तो वे सीमा से बाहर हो सकते हैं।’

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि, आप सभी ने अभी तक हमारा बबिता पूनिया जजमेंट नहीं पढ़ा है। आप इतने पितृसत्तात्मक क्यों हैं कि आप महिलाओं को कोस्ट गार्ड क्षेत्र में नहीं देखना चाहते हैं। आपके पास नौसेना में महिलाएं हैं तो कोस्ट गार्ड में ऐसा क्या खास है। हम पूरा कैनवास खोल देंगे। वह समय गया जब हम कहते थे कि महिलाएं कोस्ट गार्ड में नहीं हो सकतीं। महिलाएं सीमाओं की रक्षा कर सकती हैं तो महिलाएं तटों की भी रक्षा कर सकती हैं।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

दरअसल, सेना में महिला अधिकारियों के कमीशन ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति की कानूनी लड़ाई में कोस्ट गार्ड यानी तट रक्षक अधिकारी भी कूदी हैं। याचिकाकर्ता प्रियंका त्यागी कोस्ट गार्ड के उस पहले ऑल विमेन क्रू की सदस्य हैं, जो तटरक्षक बेड़े पर डोमियर विमानों की देखरेख ही लिए तैनात किया गया था। 

यह याचिका दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दाखिल की गई है, जिसमें याचिकाकर्ता को राहत नहीं दी गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी रिट में दस वर्षों की शॉर्ट सर्विस नियुक्ति को आधार बनाते हुए बबिता पूनिया और एनी नागराज और अन्य बनाम भारत सरकार रक्षा मंत्रालय मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले  सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि उनको भी परमानेंट कमीशन रैंक की नियुक्ति दी जाए। सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले को आधार बनाते हुए त्यागी ने समानता के बुनियादी अधिकार को दुहाई दी है। सेना की तरह ही कोस्ट गार्ड में भी योग्य महिला अधिकारियों को तरक्की देकर कमीशन अधिकारी बनने का अवसर दिया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *