देहरादून : निदेशक पंचायतीराज निधि यादव ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक अनूठी पहल शुरू की है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत वृक्षारोपण एक अभिनव पहल प्रारम्भ किये जाने के सम्बन्ध प्रदेश के समस्त जिला पंचायत राज अधिकारियों को पत्र लिखकर दिशा निर्देश निर्गत किये है । निदेशक पंचायतीराज निधि यादव ने कहा है कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से विभागान्तर्गत 342 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के पदों पर अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति के क्रम में अधिकांश अभ्यर्थियों को 02 मार्च, 2024 को नियुक्ति पत्र निर्गत किये जा चुके हैं।
निदेशक पंचायतीराज निधि यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से जल, जंगल व जमीन प्रमुख आधार है। पर्यावरण संरक्षण एवं बेहतर वातावरण के लिए पर्याप्त पेड़-पौधों का होना आवश्यक है। पेड़-पौधे हमारे जीवन की रेखा है, जो हमें वायु प्रदूषण के खतरे से बचाते हैं तथा हमें ऑक्सीजन की प्रचुरता, प्राकृतिक शीतलता प्रदान करते हैं। साथ ही मिट्टी का कटाव रोकने में पेड़-पौधों की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है।
निदेशक पंचायतीराज निधि यादव ने कहा कि विकास के मौजूदा मॉडल के कारण वर्तमान परिदृश्य में देश की आबादी का बड़ा हिस्सा स्वच्छ व सुरक्षित पानी, शौचालय और शुद्ध हवा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से भी वंचित है। पर्यावरण पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है। इस दिशा में सरकार के साथ समाज को स्वच्छता और वृक्षारोपण को एक जन आन्दोलन बनाने की दिशा में पहल करनी होगी, जिसके लिए समाज की सहभागिता एक अहम पहल है, क्योंकि जीवन दायिनी ऑक्सीजन का एकमात्र स्रोत वृक्ष ही हैं, मानव जीवन वृक्षों पर ही निर्भर है, यदि वृक्ष ही नहीं रहेंगे तो धरती पर जीवन संकट में पड़ जायेगा।
निदेशक पंचायती राज निधि यादव ने निर्देश देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण व जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों को कम करने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि नव नियुक्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को ग्राम पंचायतों के आवंटन के समय आप उन्हें यह दिशा-निर्देश प्रसारित करते हुए प्रोत्साहित करें कि आवंटित ग्राम पंचायतों में वे कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगायें और उसके पूर्ण रूप से वृक्ष बनने तक निरन्तर देखभाल करें। जैसे-जैसे नव नियुक्त कार्मिकों की शासकीय सेवा में वृद्धि होगी, वैसे-वैसे इनके द्वारा रोपित पौधे भी वृक्ष बन जायेंगे। इस पहल से कार्मिकों का अपने कार्यक्षेत्र की पंचायतों से भावनात्मक जुड़ाव भी कायम होगा।
निदेशक, पंचायतीराज निधि यादव ने जिला पंचायत राज अधिकारियों को कहा कि दिए गये दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित करें, ताकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में की गई इस पहल से पर्यावरण को बचाया जा सके।