तमिलनाडु में द्रमुक सरकार और राज्यपाल के बीच तकरार बढ़ी

चेन्नई। तमिलनाडु में राज्यपाल और डीएमके के बीच खींचतान जारी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने द्रमुक नेता के पोनमुडी की विधायक के रूप में सदस्यता बहाल होने के बाद के. पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल  आरएन रवि को पत्र लिखा था।

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने के पोनमुडी को शपथ दिलाने से इंकार कर दिया।

इससे पहले पोनमुडी को मद्रास हाई कोर्ट से आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया गया था और तीन साल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन पोनमुडी को 13 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और उनकी सजा पर रोक लगा दी गई। विजिलेंस और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय ने 2011 में पोनमुडी और उनकी पत्नी विशालाक्षी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

पोनमुडी ने 2006 से 2011 तक डीएमके सरकार के दौरान उच्च शिक्षा और खनन मंत्री का पद संभाला था। तमिलनाडु विधान सभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने पोनमुडी को बहाल कर दिया। स्पीकर ने बयान जारी कर कहा कि राज्य विधानसभा में पोनमुडी की सदस्यता बहाल कर दी गई है।

इसके बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को पत्र लिखकर डीएमके के वरिष्ठ नेता पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए कहा था। फिर राज्यपाल आरएन रवि ने रविवार को राज्य सरकार को एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि वह पोनमुडी को पद की शपथ नहीं दिला सकते क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को खत्म नहीं किया है।

 

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