सोनम वांगचुक का अनशन पहुँचा 16 वें दिन में , लद्द्दाख में निकली विशाल रैली, जानिये उत्तराखंड से क्या है संबंध

लेह। लदद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बुधवार को हजारों लोगों ने कारगिल में विशाल रैली निकाली व रैली के समर्थन में कारगिल  की सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। 

लदद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं पर्यावरणविद सोनम वांगचुक का आमरण अनशन का आज सोलहवाँ दिन है। 

सोनम वांगचुक के समर्थन में कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस के आह्ववाहन पर बड़ी संख्या में लोगों ने फातिमा चौक से हुसैनी पार्क तक एक रैली निकली।

रैली में लोगों ने पूर्ण राज्य और छट्ठी अनुसूची में खुद को शामिल करने की मांग करते हुए नारे लगाये।

उत्तराखण्ड  विकास पार्टी ने लदद्दाख के लोगों की मांग का समर्थन किया। पार्टी सचिव एडवोकेट जगदीश चन्द्र जोशी ने कहा कि हिमालयी राज्य अभी तक धारा ३७० के तहत बाहरी हस्तक्षेप से बचा हुआ था, मगर मोदी सरकार ने इसे यूनियन टेरिटरी बना कर बाहरी हस्तक्षेप बढ़ा दिया है, जिससे उनके समाज व संस्कृति को खतरा है। एडवोकेट जोशी ने कहा कि अलग राज्य और छठी अनुसूची की मांग करते हुए वे उत्तराखण्ड का नाम इस लिए लेते हैं कि, वे अपने लोगों को बताते हैं कि अगर बाहरी हस्तक्षेप को रोका ना गया तो लदद्दाख और उसके संसाधन भी उत्तराखण्ड की तरह बाहरी लोगों के कब्जे में आ जायेंगे और वहाँ के मूल निवासियों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ेगा।

एडवोकेट जोशी ने कहा कि बाहरी हस्तक्षेप ना होने के कारण अभी तक लदद्दाख में पलायन नाम की चिड़िया का अता पता नहीं है, जबकि उत्तराखण्ड में पलायन से गाँव के गाँव खाली हो गये हैं। एडवोकेट जोशी ने कहा कि इस देश में अलग अलग संस्कृतियों को हक़ है कि वे अपनी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए पूर्ण राज्य की मांग करें।

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