जेएनयू में लेफ्ट का दबदबा बरकरार, उत्तराखण्ड प्रशासन में भी हैं जेएनयू का दबदबा

नई दिल्ली। इस वर्ष भी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुए छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट के अनुषांगिक संगठनों ने अपना कब्जा बरकरार रखा है। जेएनयू के अध्यक्ष पद पर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के धनंजय ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उमेश चंद्र अजमीरा को हरा दिया। धनंजय को 2598 और उमेश चंद्र अजमीरा को 1676 वोट मिले।

महासचिव पद पर बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बाप्सा) की प्रियांशी आर्या ने जीत दर्ज की। उन्हें लेफ्ट संगठनों का समर्थन हासिल था। उन्हें 2887 वोट मिले हैं, जबकि एबीवीपी के अर्जुन आनंद 1961 वोट ही हासिल कर पाए।

संयुक्त सचिव पद पर इस बार ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन (एआईएसएफ़) के मोहम्मद साजिद को जीत मिली।  उन्हें 2574 वोट मिले। इस पद पर एबीवीपी के गोविंद दांगी को 2066 वोट मिले।

वामपंथी संगठनों के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एवम भाजपा का अनुषांगिक का छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी मैदान में था।

इसके अलावा बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट एसोसिएशन (बाप्सा), कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ़ इंडिया), राष्ट्रीय जनता दल के छात्र संगठन छात्र राजद और समाजवादी पार्टी के छात्र संगठन समाजवादी छात्र सभा ने उम्मीदवार उतारे थे।

उत्तराखण्ड की प्रशासनिक मशीनरी में भी है जेएनयू के छात्रों का दबदबा। प्रशासनिक कार्यकुशलता में भी माने जाते हैं बेहतर।

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