बॉबी पंवार की मोदी सरकार के नुमाइंदे से सीधी टक्कर में कांग्रेस में घपरोल

देहरादून। टिहरी लोकसभा सीट को एक छब्बीस साल के युवा ने हॉट सीट बना दिया है। बिना स्टार प्रचारकों के और बिना संसाधनों के उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार के युवाओं के लिए किए गए संघर्ष को एक राजनैतिक मुकाम तक पहुंचाने के लिए लोकसभा चुनाव ने राह तो दिखा ही दी है। चुनाव परिणाम चाहे जो हों, मगर बॉबी पंवार ने भाजपा की नींद जरूर उड़ा दी है। 

लगातार कांग्रेस के कमजोर होने, कांग्रेस नेताओं के परिवारवाद को बढ़ावा देने, दूसरे उभरते नेताओं को कांग्रेस में न आने देने, प्रत्याशी चुनने में सर्वे और आम कार्यकर्ता को महत्व न  देने, जैसी बातों के कारण लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस ने भाजपा के लगातार जीत के अभिमान को अहंकार में बदल दिया है। उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने भाजपा के अहंकार को और हवा देते हुए बॉबी पंवार को न तीन में न तेरह में गिन दिया। जो बताता है कि भाजपा के नेताओं का अहंकार इस कदर हावी हो चुका है कि उन्हें युवाओं और फौजियों की आवाज नजर नहीं आ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी की ऋषिकेश में रैली के दिन युवाओं द्वारा बॉबी पंवार के समर्थन में निकाली गई बाइक रैली ने बता दिया कि इस बार भाजपा के हाथ टिहरी की सीट यूं ही बड़े बड़े भाषणों और रैलियों से नहीं आने वाली।

बॉबी पंवार की मोदी सरकार के नुमाइंदे को सीधी टक्कर को देख कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी हवा का रुख पहचान लिया है, और प्रचार में हमें नहीं तो बॉबी को वोट दो कह रहे हैं।

बॉबी पंवार की सीधी टक्कर को कांग्रेस बड़े गौर से देख रही है, और बॉबी के पक्ष में जिस तरह गाँव के गाँव, युवा और पूर्व सैनिक खड़े नजर आ रहे हैं, उनका समर्थन कितना वोट में बदलेगा इसका बारीक आंकलन किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के कुछ दिग्गज बॉबी पंवार के एक नेता के रूप में स्थापित होने से परेशान हैं, लेकिन कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं को लग रहा है कि मोदी मय भाजपा से दो दो हाथ करने में इससे बढ़िया मौका और फिर कभी नहीं मिलेगा।

कांग्रेस के बड़े नेताओं को जिस तरह अप्रत्यक्ष सहूलियतें भाजपा राज में मिलती रही हैं, उसे देखते हुए वे बॉबी को तो जीतने न देने के लिए कमर कस रहे हैं, मगर मोदी मय भाजपा के तानों से परेशान आम कांग्रेस कार्यकर्ता भी यह समझ रहा है, कि कांग्रेस के बड़े नेताओं के नकारेपन की वजह से आज कांग्रेस के  ये हालत हो गए हैं, कि  कांग्रेस के बड़े दिग्गज नेताओं ने चुनाव लडने से ही मना कर दिया, इस तरह के पहले ही वॉक ओवर से कांग्रेस कार्यकर्ता हैरान है। इस लिए बड़े नेताओं की बात में हाँ में हाँ मिलाई तो जरूर जा रही है, मगर कांग्रेस कार्यकर्ता असल में क्या करेगा क्या यह अभी भविष्य के गर्भ में है, मगर यह तय है कि इस चुनाव में कांग्रेस के कार्यकर्ता की भूमिका अहम साबित होगी।

 

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