उत्तराखण्ड में निकाय चुनावों में कशमकश बरकरार

नैनीताल। नैनीताल में उच्च न्यायालय में पिछले दिनों निकाय चुनाव जल्द कराने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते वक्त सरकार ने कहा कि उन्होंने आरक्षण का सर्वे कर लिया है और अब प्रशासकों का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

इसी के साथ कयास लगाने लगे कि ऐसे में यदि कार्यकाल न बढ़ाया गया तो वर्तमान आचार संहिता के लागू रहते क्या निकाय चुनावों की आचार संहिता प्रभावी हो सकती है। गौरमतलब है कि प्रदेश में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर आचार संहिता लागू है।

ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि 15 मई को निकाय चुनावों की घोषणा की जा सकती है। मगर अभी तक जिस तरह के पेंच निकाय चुनाव कराने को लेकर फंसे हुए हैं, भाजपा भी निकाय चुनावों की घोषणा से पहले लोकसभा चुनावों के परिणामों का इंतजार करना चाहेगी ताकि जनता का रुझान देखते हुए निकाय चुनावों में जीत की तैयारी की जा सके।

इस लिए निकाय चुनावों का पूरा मामला ऐसा उलझा हुआ है कि लोग समय आने का इंतजार कर रहे हैं।

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