कोटद्वार। कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी के नाम पर 06 हजार पेड़ काटे जाने एवम अवैध निर्माण किये जाने की जॉच हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई से कराने के आदेश के बाद से हरक सिंह के बयानों से उत्तराखण्ड भाजपा के राजनैतिक हलके में हलचल बढ़ी हुई है।
कल ही मीडिया में बोलते हुए हरक सिंह रावत ने चेतावनी दी और बोला कि मैंने मुँह खोला तो भाजपा के कई नेताओं को परेशानी हो जाएगी। हरक सिंह ने कहा कि मैं कह रहा हूं कि वो दुर्भाग्य न आये जब सीबीआई के लोग मेरे पास आयें और फिर मुझे बहुत सारे वो तथ्य सीबीआई को सौंपने पड़ेंगे और सीबीआई अगर उसका संज्ञान नहीं लेगी तो उसका तो मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में उन बातों को रखूंगा, तो वो, मैं सोचता हूं कि बहुत सारे लोगों के लिए वो दिन उस दिन काला दिन हो जायेगा।
उधर वन विभाग के विवादित डीएफओ किशन चंद की कॉर्बेट में नियुक्ति के संबंध में भी उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर आरोप लगाये कि किशन चंद की नियुक्ति की सिफारिश तीरथ सिंह रावत ने की थी। किशन चंद के तबादले की फाइल में तीरथ सिंह रावत के हस्ताक्षर के साथ मोहर भी है, जबकि उक्त फाइल पर उनके केवल हस्ताक्षर हैं।
उधर तीरथ सिंह रावत ने भी पलटवार करते हुए कहा कि हरक सिंह के विभाग में उन्होंने क्या किया क्या नहीं किया यह उन्हीं को पता होगा।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि हरक सिंह के बयान उत्तराखण्ड में चल रहे भ्रष्टाचार की पुष्टि करते हैं, और बताते हैं कि नेताओं ने एक दूसरे के भ्रष्टाचार छिपाये हुए हैं। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सह सचिव सुनील रावत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता जिन्हें अपना भाग्यविधाता चुनती है, वे ही जनता को लूटने में लगे हुए हैं। हरक सिंह सरे आम ब्लैक मेल कर रहे हैं और अपने को जेल जाने से बचाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। उनकी इस धमकी से भ्रष्टाचार की पुष्टि हो जाती है जिनके सबूत वो कोर्ट को सौंपने की बात कर रहे हैं।