देहरादून। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों का पालन करने में अधिकारियों की लापरवाही से मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा हुए बेहद नाराज, जिलाधिकारी गढ़वाल से प्रकरण में की गई लापरवाही को देखते हुए अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार यथोचित कार्यवाही करने की अपेक्षा की।
जिला विकास प्राधिकरण कोटद्वार के लोक सूचना अधिकारी/संयुक्त सचिव/उपजिलाधिकारी एवम जिला विकास प्राधिकरण के अपीलीय अधिकारी /सचिव/अपर जिलाधिकारी, गढ़वाल के खिलाफ उत्तराखण्ड सूचना आयोग में सही सूचना अपीलार्थी को उपलब्ध न कराने के कारण दायर द्वितीय अपील की सुनवाई करते वक्त माननीय मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने पाया कि अपील की सुनवाई में न तो लोक सूचना अधिकारी स्वयं उपस्थित हुए और ना ही अपने प्रतिनिधि के तौर पर किसी राजपत्रित अधिकारी को भेजा, जबकि सूचना आयोग द्वारा समय समय पर इस विषय में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, उसके बावजूद लोक सूचना अधिकारी द्वारा अपने प्रतिनिधि के तौर पर राजपत्रित अधिकारी के स्थान पर पटल सहायक को भेज दिया गया। पटल सहायक न तो लोक सूचना अधिकारी के न आने का कारण स्पष्ट कर सके और न ही राजपत्रित अधिकारी को प्रतिनिधि के तौर पर न भेजे जाने का कारण स्पष्ट कर सके।
द्वितीय अपील में सुनवाई के दौरान माननीय मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने पाया कि मामले में छह माह बीत जाने के बावजूद प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा प्रथम अपील की सुनवाई नहीं की गई है।
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा इसे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का घोर उल्लंघन माना गया और आदेश की प्रति जिलाधिकारी गढ़वाल को प्रेषित करते हुए प्रकरण में जो लापरवाही दृष्टिगोचर हुई , उसके संबंध में संबंधितों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके खिलाफ नियमानुसार यथोचित कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिए।
गौरमतलब यह भी है कि उपजिलाधिकारी कोटद्वार माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करवाने के जिलाधिकारी गढ़वाल के आदेशों का अनुपालन भी नहीं कर रहे हैं।