देहरादूनः उत्तराखण्ड में तो गजब ही हो गया, राख हो गया 1144 हेक्टेयर जंगल, ना कोई पेड़ जला ना कोई जानवर। पिछले कई दिनों से उत्तराखण्ड के जंगल भीषण आग की चपेट में हैं। उत्तरकाशी से लेकर पिथौरागढ़ तक पूरा गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में आग कहर बरपाया रही है। अब तक आग लगने की 910 घटनाएं हो चुकी हैं। 1144 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जलकर राख हो चुका है। लेकिन, वन विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें गजब जानकारी दी गई। वन विभाग की हैरान करने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि आग से एक भी पेड़ नहीं जला है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आग से अब तक किसी भी वन्य जीव को भी नुकसान नहीं हुआ। प्रदेश के जंगलों में लगी आग थम नहीं रही है। आग पर काबू पाने के लिए एसडीआरएफ के साथ ही एनडीआरएफ की भी मदद ली जा रही है। सरकार ने वन मुख्यालय के अधिकारियों को मोर्चे में उतारने के बाद अब जिलाधिकारियों को भी आग की निगरानी के निर्देश दिए हैं।
प्रदेशभर में 1,438 फायर क्रू स्टेशन बनाए गए हैं और 3,983 फायर वॉचरों को तैनात किया गया है। इसके बावजूद जंगल जगह-जगह धधक रहे हैं। अब तक गढ़वाल में 482 और कुमाऊं में 355 वनाग्नि की घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि वन्य जीव क्षेत्र में 73 घटनाएं हुई हैं। वनाग्नि की घटनाओं को लेकर वन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि 1,144 हेक्टेयर जंगल जलने के बाद भी कोई वन्य जीव झुलसा नहीं, न ही किसी की आग की चपेट में आकर मौत हुई है।
रिपोर्ट में पेड़ जलने की भी कोई सूचना नहीं है। जंगल की आग की वजह से प्रदेश में कहीं से पेड़ जलने की सूचना नहीं है। आग से गिरी सूखी पत्तियां और घास जली है। जंगल की आग से पेड़ों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
वनों की आग से गढ़वाल में आरक्षित वन क्षेत्र में 183 और कुमाऊं आरक्षित वन क्षेत्र में 343 घटनाएं हुई हैं, जबकि गढ़वाल में सिविल एवं वन पंचायत क्षेत्र में 172 और कुमाउं में 139 घटनाएं हो चुकी हैं। इससे गढ़वाल में 398 और कुमाऊं में 221 हेक्टेयर वन क्षेत्र में वन संपदा को नुकसान हुआ है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने इस रिपोर्ट पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि जंगलों की आग से आदमी तक झुलस गए पौड़ी के थापला गाँव की एक महिला की आग से झुलसने के कारण मौत हो गई और वन विभाग बोल रहा है कि कोई वन्य जंतु नहीं झुलसा और न ही कोई पेड़ जला। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा बढ़िया होता कि वन विभाग लिख देता कि आग ही नहीं लगी। उन्होंने कहा कि धामी मोदी डबल इंजन सरकार में अधिकारियों को भी झूठ की आदत लग गई है। उन्होंने कहा कि सिस्टम नकारा हो गया है, जिस वजह से आग विकराल हुई और अब फेस सेविंग के लिए ऐसे बयान जारी किये जा रहे हैं। उन्होंने थापला गाँव की महिला के परिवार को मुआवजा देने की मांग भी की।