सब्भी धाणी देहरादून नहीं चलेगा, होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज देहरादून की बजाय चंपावत में बने: उविपा

देहरादून। गढ़वाली में एक लोकोक्ति बड़ी प्रसिद्ध हो रही है और उत्तराखण्ड के अधिकारी और नेता इस लोकोक्ति को चरित्रार्थ भी कर रहे हैं, वो लोकोक्ति है सब्भी धाणी देहरादून।

इस लोकोक्ति को चरित्रार्थ करते हुए उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार ने  देहरादून में ही होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज बनाने का निर्णय लिया है। इस मेडिकल कॉलेज को बनाने के लिए राजकीय आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला के परिसर के अंदर ही भूमि का चयन कर लिया गया है। इसके निर्माण में 70 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, जिसमें 90 प्रतिशत केंद्र का अंशदान होगा।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि अधिकारियों को केवल अपनी सहूलियत चाहिए। उन्हें प्रदेश के विकास से कोई मतलब नहीं है और इसी लिए होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी अन्य संस्थानों की तरह देहरादून में ही की जा रही है। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि उत्तराखण्ड के नेताओं की सोच को घुन लग गया है, इसी लिए अधिकारी मनमानी में उतर आए हैं।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष ने होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा चंपावत में स्थापित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सब्भी धाणी देहरादून की वजह से कुमाऊँ में विकास की गति अवरुद्ध हो गई है। केवल देहरादून का विकास करके कुमाऊँ के विकास की परिकल्पना कैसे की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊँ को विकास के एक ही सोपान पर रखना होगा, नहीं तो उत्तराखण्ड का विकास नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि फॉल्ट लाइनों की वजह से देहरादून में निर्माण कार्यों पर वैसे भी एक अघोषित प्रतिबंध है, ऐसे में इतने भारी निर्माण से देहरादून में अव्यवस्था ही फैलेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी देहरादून से हिलना नहीं चाहते इसलिए कुमाऊँ के साथ अन्याय किया जा रहा है।

मुजीब नैथानी ने कहा कि चंपावत में होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के निर्माण से कुमाऊँ के चंपावत को एक नई पहचान मिलेगी और पहाड़ों से रोजगार और पलायन का समाधान करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी प्रेषित किया जायेगा।

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