नई दिल्ली। देश भर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ( एन.टी.ए.) द्वारा इस वर्ष कराई गई राष्ट्रीय पात्रता एवम प्रवेश परीक्षा नीट (N.E.E.T.) के रिजल्ट आते ही देश भर में इस प्रवेश परीक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
राष्ट्रीय पात्रता एवम प्रवेश परीक्षा में पहली बार ऐसा हुआ है कि 67 छात्रों की मेरिट 720 रही है। जिन छात्रों की मेरिट 720 रही है उनमें एक ही परीक्षा कक्ष में बैठे चार छात्र हैं इसी परीक्षा केंद्र के आठ छात्रों की मेरिट 720 है। ऐसा ही कुछ आरोप अन्य परीक्षा केंद्रों को लेकर प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे इंस्टिट्यूट संचालक आरोप लगा रहे हैं।
परीक्षा फल घोषित होने के बाद ही मचे इस हंगामे के बाद रात्रि बारह बजे के करीब राष्ट्रीय पात्रता एजेंसी द्वारा यह वक्तव्य दिया गया कि कुछ छात्रों को परीक्षा में समय कम मिला था, अत: उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। मगर ग्रेस मार्क्स दिए जाने का आधार नहीं बताया गया। जिससे राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की विश्वसनीयता और संदिग्ध हो गई है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि नीट परीक्षा में घोटाला भाजपा नीत सरकार के व्यापम घोटाले का व्यापम रूप है। अगर मात्र हिंदुत्व के नाम पर सरकारें बनाई जाती रहेंगी तो स्वाभाविक है कि छात्रों के साथ भेदभाव को रोका नहीं जा सकेगा। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सह सचिव आशीष किमोठी ने कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला तोहफा है राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा घोटाला। उन्होंने कहा कि आम नियम है कि जब परीक्षार्थी को प्रश्नपत्र निर्धारित समय से देरी से दिया जाता है, तब उक्त समय की पूर्ति हेतु प्रश्नपत्र वापस लेने का समय आगे बढ़ा दिया जाता है, ताकि परीक्षार्थी को समय के अभाव के कारण, जिसमें उसकी कोई गलती नहीं है, कोई नुक्सान न उठाना पड़े। मगर राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा करा रही एजेंसी ने ग्रेस मार्क्स का को तर्क दिया है वो अविश्वसनीय इस लिए हो जाता है, क्योंकि ग्रेस मार्क्स के साथ 720 की मेरिट प्राप्त हो रही है, साथ ही 716 और 719 की मेरिट के लिए कोई तर्क नहीं मिल पा रहा क्योंकि मार्क्स या तो 04 बढ़ेंगे या 05 कम होंगे। यानी 720 के बाद 715 ही मेरिट आ सकती है। और जो परीक्षार्थी 720 अंक ला रहे हैं उन्हें कौन से समय की कमी पड़ी यह समझने की कोशिश की जानी चाहिए।