मूल निवास भू कानून के मुद्दे पर जनता की बेरुखी के बाद आगे है गढ़वाल कुमाऊं की अस्मिता बचाने का सवाल

देहरादून। मोदी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में मूल निवास खत्म किए जाने व उत्तराखण्ड जमींदारी उन्मूलन एवम भूमि सुधार अधिनियम 1950 में भूमि प्रतिबंध को समाप्त किये जाने के कारण उत्तराखण्ड में गढ़वाल और कुमाऊं के मूल निवासियों को नौकरी से लेकर भूमि तक में प्रदेश के बाहर के आर्थिक रूप से संपन्न लोगों से मुकाबला करना पड़ रहा है, जिससे मूल निवासियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

विगत छह माह पूर्व मूल निवास भू कानून समिति द्वारा प्रदेश के देहरादून, हल्द्वानी, कोटद्वार, नई टिहरी, श्रीनगर आदि शहरों में सफलता पूर्वक प्रदर्शन किया गया था। मगर मोदी सरकार पर इन प्रदर्शनों का कोई असर नहीं हुआ और मूल निवास और भूमि कानूनों में प्रदेश के निवासियों के हितों को देखते हुए सुधारों के लिए चर्चा तक नहीं की।

लोकसभा चुनावों में तमाम कयासों के बाद भी गढ़वाल कुमाऊं के मूल निवासियों ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को भारी बहुमत से जिताने के बाद यह तो साफ हो गया कि गढ़वाल कुमाऊं की अधिसंख्य जनसंख्या को भू कानून मूल निवास से या तो कोई मतलब नहीं है या वो जानती ही नहीं कि मोदी सरकार ने उनकी अस्मिता के साथ ये क्या खिलवाड़ कर दिया है। बहरहाल दिनांक 28 जून 2024 को शहीद स्मारक कचहरी देहरादून में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति की एक अहम बैठक संपन्न हुई। बैठक में गैरसैण में 1 सितंबर 2024 को प्रस्तावित मूल निवास स्वाभिमान महारैली की तैयारी को लेकर चर्चा की गई। साथ ही विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए। जिसमें मुख्य रूप से समिति की कार्यकारिणी के विस्तार का प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें समिति से जुड़े सदस्यों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। इस मौके पर प्रस्ताव पारित किया गया कि मूल निवास, भू-कानून के साथ ही स्थायी राजधानी गैरसैंण का मुद्दा भी उठाया जाएगा।

पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष श्री महावीर राणा जी और श्री कुलदेव सिंह नेगी जी को आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए पूर्व सैनिकों से कोर्डिनेशन की जिम्मेदारी दी गई।

विभिन्न संगठनों से कोर्डिनेशन की जिम्मेदारी श्री अम्बुज शर्मा जी, श्री आशीष बिष्ट जी, श्री विपिन नेगी जी, श्री प्रमोद काला जी को दी गई।

यूथ कोर्डिनेशन की जिम्मेदारी श्री आशीष नौटियाल जी, श्री पंकज पोखरियाल और श्री प्रकाश सेमल्टी जी को दी गई।

छात्र संघों और छात्रों से कोर्डिनेशन की जिम्मेदारी श्री आयुष ध्यानी जी, कु. दीप्ती दुदपुड़ी जी, श्री राहुल कोहली जी को दी गई।

देहरादून के सभी मोहल्ला समितियों से कॉर्डिनेशन की जिम्मेदारी श्री अनिल डोभाल जी, श्री दीप चंद्र उत्तराखंडी, श्री संजीव भट्ट और श्री डी पी राणाकोटी जी को दी गई।

मातृशक्ति से कोर्डिनेशन की जिम्मेदारी श्रीमती निर्मला बिष्ट जी को दी गई।

आंदोलनकारी संगठनों से कोर्डिनेशन की जिम्मेदारी श्री विशंभर दत्त बौठियाल जी को दी गई।

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