आखिर क्या कारण है कि केदारनाथ धाम प्रकरण मीडिया ने एक बड़ा मुद्दा बना दिया ?

कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने मोदी की डबल इंजन सरकार पर आरोप लगाया कि मोदी की डबल इंजन सरकार उत्तराखण्ड के राज्य शहीदों की भावनाओं के अनुरूप उत्तराखण्ड का विकास करने में असफल रही है, इस लिए आम जनता का ध्यान मंहगाई, बेरोजगारी, बढ़ते भ्रष्टाचार, गिरते पुल, नीचे आते पहाड़, शिक्षा, स्वास्थ्य बिजली पानी और सड़क की सुविधा से हटाने के लिए धर्म, हिंदुत्व और सनातन के नाम पर नित्य नए प्रपंच करवा रही है।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि हालिया केदारनाथ धाम प्रकरण एनटीए द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में मोदी सरकार के भ्रष्टाचार की खुलती पोल से ध्यान हटाने के लिए किया गया स्टंट है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्रों में हुई गड़बड़ी मोदी सरकार की असलियत उजागर करती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार योग्य लोगों की नियुक्तियों की बजाय कुछ अन्य योग्यताओं वाले लोगों को ऐसे महत्वपूर्ण संस्थानों में बैठा चुकी है, जिस वजह से आम आदमी के योग्य बालक का अपनी क्षमताओं के दम पर प्रवेश प्राप्त करना संदिग्ध हो गया है।

एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि विद्यालय और अस्पताल ही आधुनिक भारत के धाम और मंदिर हैं, पुरातनकाल की समीक्षा की जा सकती है, मगर भारत को विश्व गुरु बनने के लिए आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थानों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खुद धर्म शास्त्रों ने गृहस्थों को इन्हीं कर्मों को पूजा बताया है, और बताया है कि अपने कर्मों की अवहेलना कर अगर पूजा पर ध्यान लगाया जा रहा है, तो भी उसका फल निष्प्रभावी रहेगा। मगर मोदी सरकार कर्मों को भगवान भरोसे छोड़ पूजा को विवादित बनाने में मीडिया का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण खबरें मीडिया की मुख्य खबरों के स्तंभों से गायब हो चली हैं।

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