भाजपा कांग्रेस को पहाड़ के हितों की कोई चिंता नहीं, अपने भत्तों की बढ़ोतरी के लिए दोनों एक हो गए, दिलीप रावत के जंगल के कानून को बदलने के सवाल पर गायब हुए कांग्रेसी : उविपा

कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगाया कि दोनों दलों को पहाड़ के हितों से कोई लेना देना नहीं है। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि देश में सबसे कम समय के लिए चलने वाली विधानसभा में आपदा की चुनौतियों के साथ, सीमा की सुरक्षा और पलायन की मार झेल रहे प्रदेश के संबंध में माननीय विधायकों  ने कितना गंभीर चिंतन किया होगा, समझा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि देश की अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तराखण्ड के सदन चलने का समय आधा भी नहीं है, जबकि विधायकों का मुख्य काम सदन के माध्यम से ही जन समस्याओं का निराकरण करवाना है। उन्होंने भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगाया कि दोनों दल आपसी सहमति से प्रदेश को लूट रहे हैं, जिसका उदाहरण विधायकों के भत्तों में वृद्धि करना है। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश के 80 प्रतिशत भू भाग पर रेलों का संचालन ही नहीं होता उस प्रदेश के विधायकों को चालीस हजार रुपए के रेलवे के कूपन दिए जा रहे हैं, जबकि हरिद्वार और उधमसिंह नगर के विधायक राजधानी जाने के लिए खुद के वाहनों का प्रयोग करते हैं, क्योंकि ट्रेन से पहले वे अपनी गाड़ियों से राजधानी पहुँच जाते हैं और पहाड़ में रेल नेटवर्क नहीं है।

इससे साफ है कि मोदी धामी डबल इंजन पर कांग्रेस के डिब्बे जुड़े हुए हैं जो प्रदेश में जनहित के कार्यों के अलावा हर मलाई मिल बॉट कर खा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के ही विधायक दिलीप रावत जब अपनी ही सरकार से गढ़वालियों को जंगल के जंगली कानून से छुटकारा दिलाने के लिए विधानसभा में धरनारत्त थे, तब एक भी कांग्रेसी विधायक उनकी इस जायज मांग के समर्थन में नहीं उतरा, मगर विधायकों की मलाई में दोनों दल एक हो गये। 

उन्होंने कहा कि विधानसभा जनहित के मुद्दों को सुलझाने के लिए नहीं बल्कि विधायकों की पिकनिक और भत्तों को बढ़ाने के लिए आहूत की गई थी।

 

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