आम जनता के सपनों पर ग्रहण लगा रहे मोदी के सिपहसालार, 99 करोड़ की लागत से बना गुप्तकाशी कुंड राजमार्ग पहला सावन नहीं झेल पाया

रुद्रप्रयाग।  राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर से गुप्तकाशी से कुंड राजमार्ग पर 99 करोड़ की धनराशि खर्च होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग के हालात खराब हो गए हैं। हाल ही में निर्मित राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है।

भैंसारी गांव के निकट लगभग 10 मीटर सड़क जमींदोज हो चुकी है, जिस कारण यह स्थान जानलेवा बना है। केदारनाथ हाईवे के गुप्तकाशी- कुंड राजमार्ग पर 99 करोड़ की लागत से कार्य हुआ है. साल 2013 की आपदा के बाद राजमार्ग कुंड-गुप्तकाशी के बीच कई स्थानों पर धंस रहा है। पिछले साल से ही इस स्थान पर कार्य चल रहा है। करोड़ों की धनराशि से राजमार्ग पर पुश्तों के निर्माण के साथ ही डामरीकरण का कार्य भी किया गया है, लेकिन एक बारिश ने राजमार्ग की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी है।

डामरीकरण के कुछ ही दिनों बाद हुई बारिश के बाद कई स्थानों पर  मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए हैं। जबकि हाल ही में हुई बरसात के बाद कालीमठ बैंड के निकट भैसारी में राष्ट्रीय राजमार्ग लगभग दस मीटर धंस चुका है। गनीमत यह रही कि इस दौरान कोई वाहन चालक इस मार्ग से नहीं गुजर रहा था।

 

इस स्थान पर कई वर्षों से धंसाव जारी था। ऐसे में बिना पुश्ते दिए क्षतिग्रस्त मार्ग पर डामर बिछाया गया, दूसरी ओर कुंड में पुल क्षतिग्रस्त होने से गुप्तकाशी-  कुंड राजमार्ग फिलहाल बंद कर दिया गया है. लेकिन कालीमठ बैंड डायवर्जन पर ना तो कोई पुलिस बल तैनात है और ना ही एनएच विभाग द्वारा आवाजाही बंद संबंधित कोई साइन बोर्ड ही लगाया गया है।

वहीं अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि शीघ्र इस स्थान पर साइन बोर्ड लगाया जाएगा और धंसे मोटर मार्ग पर मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि मोदी सरकार में मात्र पैसा कमाने के मुख्य उद्देश्य से निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं, जिस वजह से गुणवत्ता बद  से बदतर हो चुकी है और इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। पहाड़ की अवैज्ञानिक ढंग से कटान ने लैंड स्लाइड की समस्या का स्थाईकरण ही किया है,पहाड़ों को काटने समय ना तो स्लाइडिंग एंगल का ख्याल रखा गया है और ना ही पहाड़ का सही ट्रीटमेंट किया गया है, गाड़ गधेरों के पानी के निस्तारण के लिए भी सही प्रबंध का अभाव है जिससे बरसात का पानी पहले अपने रास्ते के किनारे काट रहा है फिर सड़क पर उसका पूरा प्रभाव देखा जा सकता है। अधिकारी आपदा के नाम पर अपनी कारगुजारियां पर पर्दा डाल रहे हैं।ओ

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