उत्तराखण्ड क्रांति दल की चिंतन बैठक में मूल निवास भू कानून पर गरजे शक्ति शैल

कोटद्वार। आज उत्तराखण्ड क्रांति दल के मार्ग दर्शक बोर्ड की चिंतन बैठक आशीर्वाद मोटल, मवाकोट में हुई। उत्तराखण्ड क्रांति दल मार्ग दर्शक बोर्ड  की चिंतन बैठक की अध्यक्षता राज्य आंदोलनकारी शक्तिशैल कपरवांण  ने की।

राज्य आंदोलनकारी शक्तिशैल कपरवांण ने कहा कि भाजपा से पुरानी पार्टी होने के बावजूद पार्टी अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए जूझ रही है और हमें पार्टी और राज्य के अस्तित्व को बचाने के लिए चिंतन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ में हिंसक वातावरण हो रहा है और सरकारें पहले से जंगली जानवरों से परेशान लोगों के बीच जानवर छोड़ रहे हैं, सुंअर खेत खोद रहे हैं। राष्ट्रीय दलों ने उत्तराखण्ड को रेलवे प्लेटफॉर्म की तरह बना दिया है कोई आओ रहो खाओ। उन्होंने कहा कि ने राज्यों में घेरबाड़ हो रही है। खुद भाजपा के मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने मध्य प्रदेश के निवासियों को ही नौकरी देने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन में हमने दो चार आदमी थे, धीरे धीरे राज्य आंदोलन ने विकराल रूप लिया और लाखों लोग 1994 में राज्य आंदोलन में सड़कों पर उतरे।

शक्ति शैल कपरवांण ने मूल निवास 1950 और भू कानून लागू करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व को अपने कार्यकर्ताओं को काम करके दिखाना पड़ेगा तभी पार्टी आगे बढ़ पाएगी। उन्होंने कहा कि हमको हार्डकोर पहाड़ी बनना पड़ेगा, नहीं तो कोई हमको नहीं पूछेगा। अगर वास्तव में राजनैतिक लड़ाई लड़नी है तो पहाड़ की बात सीना ठोक कर कहनी पड़ेगी।

उन्होंने शीर्ष नेतृत्व के मार्ग दर्शक बोर्ड की चिंतन बैठक में आने की बात पर हामी भरने के बाद भी न आने पर शीर्ष नेतृत्व को आड़े हाथों भी लिया।

बैठक में महेंद्र सिंह रावत, जगदीपक्क  सिंह रावत, प्रवेश नवानी, जनार्धन प्रसाद ध्यानी, सत्य प्रकाश भारद्वाज, पुष्कर सिंह रावत, मोहन सिंह असवाल, सत्यपाल नेगी,दिनेश धूलिया, चंद्र सिंह रावत , दिनेश सती, सरिता पुरोहित आदि मौजूद थे।

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