वॉशिंगटन। अमेरिका में नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नियुक्ति के बाद से वैश्विक समुदाय में अमेरिका ने अपनी छवि बदलनी शुरू कर दी है, जिस कारण विश्व के अन्य देशों के साथ साथ भारत को भी अमेरिका के साथ असहज स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
पहले अमेरिका द्वारा समान टैरिफ प्रणाली को 02 अप्रैल से लागू करने की घोषणा रही हो या अवैध अप्रवासी भारतीयों की हथकड़ियों में वापसी का मामला रहा हो, मोदी सरकार को असहज स्थितियों का सामना करना पड़ा है।
अब अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। आयोग ने भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की सिफारिश भी की है। आयोग ने कहा कि चीन से निपटने की खातिर अमेरिका ने भारत से अच्छे संबंधों को बनाए रखने के क्रम में भारत में हो रहे मानव अधिकारों के हनन को नजर अंदाज करने की कोशिश की।
आयोग ने अमेरिका में सिख अलगाववादियों की हत्या की कोशिश में भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का कथित हाथ बताते हुए रॉ पर प्रतिबंध लगाने की भी सिफारिश की है।
भारत ने आयोग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए भारत को चिंताग्रस्त देश घोषित करने की बजाय आयोग को ही चिंताजनक इकाई घोषित की बात कही।