कांग्रेस खामोश पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, पर्यावरण निधि से आई फोन खरीद पर मुख्य सचिव को किया तलब

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखण्ड सरकार की ओर से प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) निधि से आईफोन और अन्य सामान खरीदने पर गंभीर चिंता जताई है। शीर्ष अदालत ने कैम्पा निधि के कथित दुरुपयोग पर राज्य के मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है।

नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार, वनीकरण के लिए निर्धारित कैम्पा निधि का कथित तौर पर आईफोन, लैपटॉप, कूलर और फ्रिज खरीदने और इमारतों के नवीनीकरण सहित गैर निर्धारित व्यय के लिए उपयोग किया गया। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मामले में सुनवाई कर कहा, कैम्पा निधि का उपयोग हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए होना है। इसका गैर-स्वीकार्य गतिविधियों के लिए उपयोग करना और अधिनियम के अनुसार ब्याज राज्य प्रतिपूरक वनरोपण निधि में जमा न करना गंभीर चिंता का विषय है। 

वर्ष 2019 से 2022 तक कैम्पा निधि के उपयोग की जांच करने वाली कैग की रिपोर्ट में कई वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं। कहा गया कि 275.34 करोड़ के व्याज का भी भुगतान नहीं किया। सरकार ने इस मुद्दे को स्वीकार किया, दावा किया कि व्याज देनदारी के 150 करोड़ जमा कर दिए। हालांकि, बड़ी राशि का हिसाब नहीं दिया।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा मिलकर इस राज्य का शोषण कर रहे हैं। न तो भाजपा सत्तापक्ष की भूमिका सही निभा पा रही है और ना ही कांग्रेस प्रभावशाली विपक्ष की भूमिका अदा कर रही है, जिससे राज्य के संसाधनों की भरी लूट की जा रही है।

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