मूल निवास 1950 के लिए कोटद्वार में क्या होगा?

उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने मूल निवास 1950 ,भूमि सुधार कानून आदि विषयों पर 28 जनवरी 2024 को कोटद्वार में तहसील परिसर में पुनः धरना करने का निर्णय लिया।

पार्टी बैठक में वक्ताओं ने कहा कि नियमों के बनने के जितना जरूरी जनता का नियमों के प्रति जागरूक होना है। वक्ताओं ने कहा कि यदि जनता नियमों के प्रति जागरूक नहीं होगी तो हमारे हक हकूकों का फायदा बाहर के लोग उठाते रहेंगे।

बैठक ने उम्मेद सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड आंदोलन के समय भी जनता को जागरूक करने की आवश्यकता पड़ी थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को सशक्त नेतृत्व न मिल पाने की वजह से उत्तराखण्ड का यह हाल हुआ है। उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र में इस बात का अफसोस है कि मुख्यमंत्री विधायकों की बजाय दिल्ली और नागपुर वाले तय करते हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री भला जनता के हितों के फैसले कैसे ले सकता है। 

एडवोकेट राजीव गौड़ ने कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी जी को पद्म विभूषण बहुत पहले मिल जाना चाहिए था, मगर राज्य के सच्चे हितैषी होने के कारण नागपुर दिल्ली के चेले उनका अधिकार दिलवा पाने में सक्षम नहीं है, यह नेगी जी के सम्मान से कम गढ़वालियों के सम्मान और अस्मिता का सवाल है।

एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि कामरेड वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के नाम को भाजपा चुनाव में भुनाने का काम करती है , मगर उन्हें ही भारत रत्न देने में डरती हैं।