अंतरराष्ट्रीय बोई भाषा दिवस मा धाद संस्था 11 फरवरी मा करणी च गढ़वाली कहानी संकलन क लोकार्पण

देहरादून। गढ़वाली साहित्य और संस्कृति की पहचान के लिए लगातार संघर्षरत्त संस्था धाद 11 फरवरी से 21 फरवरी अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन कर रही है। जिसकी शुरुआत देहरादून में  गढ़वाली कहानी संकलन के लोकार्पण से की जाएगी। इस कार्यक्रम का आयोजन मांगल डॉट कॉम के सहयोग से ।11फरवरी 2024 को  दोपहर में  तीन बजे  दून लायब्रेरी सभागार, परेड ग्राउंड, देहरादून में किया जाएगा।

उत्तराखण्ड क भाषाओं क पक्ष मा धाद क पहल 1987 मा गढ़वाली पत्रिका क दगड़ी शुरु ह्वै। अर बाद मा ये ही विचार क जातरा, मातृभाषा आंदोलन का रूप मा पुस्तकों कु प्रकाशन, भाषा-विमर्श अर कवि- सम्मेलनों क दगड़ि जारी राई। 2010 मा धाद न उत्तराखण्ड की भाषाओं तैं विश्व की तमाम छोटी भाषाओं तैं ज्यूंदो रखणा क समस्या दगड़ि जोड़ि कै अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस आयोजन की पहल कै। तब 2010 बटि हर वर्ष हम यीं तारीख मा उत्तराखण्ड क भाषाओं क पक्ष मा गतिविधि करदौं।
अबरि दौं हम अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस क आयोजन क शुभारम्भ गढ़वाली कथा संकलन क लोकार्पण क दगड़ि कना छौं। जो देहरादून मा 11 फरवरी कुंण दून लायब्रेरी सभागार मा दोफरा बाद 3 बजि उरेणू छ।
उत्तराखण्ड क भाषाओं क पक्ष मा आयोजित यीं पहल मा भागीदारी कना कुंण आप सादर आमंत्रित छन।

(उत्तराखण्ड की भाषाओं के सवाल के पक्ष में धाद की पहल 1987 में गढ़वाली पत्रिका के साथ शुरु हुई। बाद में मातृभाषा आंदोलन के रूप में प्रकाशन भाषा विमर्श और कविता सम्मेलन के साथ यह जारी रहा। 2010 में धाद ने उत्तराखण्ड की भाषाओं को विश्व की तमाम छोटी भाषाओं के संकट से जोड़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस आयोजन की पहल की। तब से हर वर्ष हम इस तारीख के साथ उत्तराखंड की भाषाओं के पक्ष में गतिविधि करते हैं।
इस बार हम अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के आयोजन का शुभारम्भ गढ़वाली कथा संकलन के लोकार्पण के साथ कर रहे है। जो देहरादून में 11 फरवरी दून लायब्रेरी सभागार में अपराह्न 3 बजे आयोजित किया जा रहा है।
उत्तराखंड की भाषाओं के पक्ष में आयोजित इस पहल में हिस्सेदारी के लिए आप सादर आमंत्रित हैं।)

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मातृभाषा एकांश-धाद
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सचिव,9389422508

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