नई दिल्ली। इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम धमाके के बाद जैसे जैसे इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित जानकारियां सामने आ रही हैं, बेहद चिंताजनक मामले सामने आ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला ऋत्विक कंपनी से जुड़ा हुआ है। दरअसल यह मामला दो तरीकों में महत्वपूर्ण है।
पहला मामला इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद के बाद कंपनी को सरकारी टेंडर मिलने का है। इसी से जुड़ा दूसरा महत्वपूर्ण मामला यह है कि कमीशन लेने के लिए मोदी सरकार कोई भेदभाव नहीं कर रही है, और खुद अपनी ही पार्टी के सांसदों तक से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए धन वसूल रही है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया। जब अपने ही सांसद से मोदी सरकार इस तरह का व्यवहार कर रही है, तब मोदी सरकार से कैसे किसी भी प्रकार की उम्मीद रखी जा सकती है कि, वे देश नहीं बिकने देंगे।
रित्विक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदने के बाद ठेके दिए गए। ऋत्विक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के फ़ाउंडर आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के बीजेपी सांसद सी.एम. रमेश हैं।
द हिंदू नामक अखबार ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट छापी है। द हिंदू ने लिखा है कि भाजपा सांसद सी. एम. रमेश की कंपनी ने कुल 45 करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे।
सबसे पहले उन्होंने पांच करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे। इसके कुछ ही दिन बाद उनकी कंपनी को हिमाचल प्रदेश में सन्नी हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रॉक्यूरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) का ठेका मिला।
अख़बार लिखता है कि रमेश ने इलेक्टोरल बॉन्ड की ये खेप सिर्फ़ त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड चुनाव से ठीक पहले ख़रीदी थी। इसके दो महीने बाद उन्होंने 40 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे।
ऋत्विक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड एक अनलिस्टेड कंपनी है। कंपनी की स्थापना हैदराबाद में हुई है।
14 जनवरी 2023 को इस कंपनी को 382 मेगावाट क्षमता के सन्नी हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का ईपीसी कॉन्ट्रेक्ट मिला था।