नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस ए एस बोपन्ना और संजय कुमार की पीठ ने अपने एक फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली केंद्र सरकार की याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कहा कि उसके फैसले में कोई त्रुटि नहीं है, जो उस पर पुनर्विचार किया जाए। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि ईडी को ‘बिना किसी अपवाद के’ किसी आरोपित की गिरफ्तारी का आधार लिखित रूप में देना होगा।
जस्टिस एएस बोपन्ना और संजय कुमार की पीठ ने कहा कि हमने पुनर्विचार याचिका और संबंधित दस्तावेज का सावधानी पूर्वक अध्ययन किया है। हमें पुराने आदेश में ऐसी कोई त्रुटि नहीं मिली, जो बहुत कम स्पष्ट हो और जिस पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो। इसलिए पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है।
पीठ ने खुली अदालत में सुनवाई के केंद्र सरकार के अनुरोध को भी खारिज कर दिया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से तीन अक्टूबर के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार गुरुग्राम स्थित रियल्टी समूह 3 एम के निदेशकों बसंत बंसल और पंकज बंसल को रिहा करने का निर्देश दिया था।
शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशों के साथ-साथ गिरफ्तारी मेमो को भी रद कर दिया था। अदालत ने ईडी को फटकार लगाते हुए कहा था कि उससे प्रतिशोधी आचरण की उम्मीद नहीं की जाती है। उसे पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए।