रचनात्मक शिक्षक मंडल उत्तराखण्ड की अनोखी पहल का धारी के छात्रों ने उठाया फायदा

धारी।  रचनात्मक शिक्षक मंडल उत्तराखंड की पहल पर धारी ब्लाक के स्कूलों में बच्चों को शिक्षाप्रद फिल्में दिखाई जाने के दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन गुनियालेख और पदमपुरी के बच्चों ने फिल्म देखने के साथ साथ थियेटर एक्टिविटी भी की।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रख्यात कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता इब्नबतुता पहन के जूता से हुई।

बच्चों ने कंचे और पोस्टकार्ड फिल्म देखी।फिल्म एक ऐसे बच्चे की भावनाओं पर आधारित थी, जिसमें वह दूसरे बच्चों को देखकर कंचे खेलना चाहता है, लेकिन उसके मामा नहीं खेलने देते।तब बच्चा चोरी करता है पर अंतत अपनी दादी को सच सच बता देता है।

 बच्चों ने गीतांजलि राव निर्देशित प्रिंटेट रेनबो भी देखीं।यह एक ऐसी बुढ़ी महिला की कहानी है जो शहर में अकेली रहती है।इस फिल्म के माध्यम से गीतांजलि राव ने महिलाओं के जीवन के यथार्थ और उनके सपनों को सामने रखा है।

 बच्चों ने ए चेयरी टेल भी देखी। यह 1957 की कनाडाई स्टॉप-मोशन पिक्सिलेशन शॉर्ट फिल्म है , जिसे कनाडा के नेशनल फिल्म बोर्ड के लिए नॉर्मन मैकलारेन और क्लाउड जुत्रा द्वारा सह-निर्देशित किया गया है । रविशंकर और चतुर लाल के संगीत पर आधारित , यह जुत्रा के एक असहयोगी कुर्सी पर बैठने के प्रयासों को विनोदी ढंग से चित्रित करता है।कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग के लिए गुनियालेख के प्रधानाचार्य एन एस मेहरा जी,प्रधानाचार्य पदमपुरी राकेश वेद्य जी,गौरीशंकर कांडपाल जी,पुष्पेश सांगा जी,अमर सिंह बिष्ट जी,उमेश शर्मा जी समेत दोनों ही स्टाफ के सभी शिक्षक शिक्षिका साथियों का आभार नवेंदु मठपाल ने किया।

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