नगर निगम कोटद्वार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय और जिलाधिकारी गढ़वाल के आदेशों का पालन करने की बजाय,”अतिक्रमणकारी स्वयं अतिक्रमण हटा देंगे” के कथन से नाराज सूचना आयोग ने डीएम को दिए ये निर्देश

देहरादून। सूचना आयोग नगर निगम कोटद्वार की कागजी खानापूर्ति की कार्यवाही से हुआ नाराज और लोक सूचना अधिकारी और अपीलीय अधिकारी को चेतावनी दी कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत प्राप्त अनुरोध पत्रों पर ससमय कार्यवाही कर सूचना प्रेषण संबंधित कार्यवाही करेंगे अन्यथा इस प्रकार की पुनरावृति होने पर उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

मुख्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा ने सूचना का अधिकार के तहत द्वितीय अपील का निस्तारण करते समय पाया कि जिलाधिकारी गढ़वाल एवम माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के अतिक्रमण हटाने के आदेशों का अनुपालन करने की बजाय नगर निगम कोटद्वार द्वारा बैठक कर निर्णय लिया गया कि “अतिक्रमणकारियों द्वारा स्वयं अपना अतिक्रमण हटा दिया जाएगा।”

नगर निगम कोटद्वार की उक्त कार्यवाही से आयोग सहमत नहीं हुआ और मुख्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम कोटद्वार द्वारा मात्र कागजी कार्यवाही की जा रही है, किंतु धरातल पर अतिक्रमण आज भी जस का तस है। यह अत्यंत आपतिजनक स्थिति है, कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए निर्देशों का अनुपालन नगर निगम कोटद्वार के द्वारा नहीं किया गया है। जिस कारण उक्त प्रकरण में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत सूचना की पहुँच में बाधा उत्पन्न हो रही है।

अतः न्यायहित में आदेश की प्रति जिलाधिकारी गढ़वाल को इस आशय से प्रेषित की जा रही है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करने हेतु संबंधित को निर्देशित करेंगे, ताकि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का उद्देश्य पूर्ण हो सके और अपीलार्थी को शीघ्र सूचना प्रदान की जा सके।

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