लैंसडौन। भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार में उत्तराखण्ड की मूल निवासी जनता की इतनी अनदेखी हुई कि पहाड़ों में विकास कार्य के ठेके भी राज्य के बाहर की कंपनियों को मिलने लगे, और यहाँ के मूल ठेकेदारों को मन मसोस कर उसी काम को पेटी पर लेकर करना पड़ा। बाहरी कम्पनिया तो इधर ठेका अपने नाम पर करा उधर पेटी में दे अपना कमीशन ले फुर्र हो गईं। जिससे स्थानीय ठेकेदारों में बड़ी नाराजगी है।
चार विधानसभा क्षेत्रों में फैली लोक निर्माण विभाग, प्रोवेंसियल डिविजन लैंसडौन के संघ के अध्यक्ष पद को बचाने का भाजपा नेताओं पर बड़ा दबाव था, लेकिन उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने भाजपा के प्रतिनिधि को भारी बहुमत से पटखनी दे, यह सीट झटक ली।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के चंद्रेश बौंठियाल ने भारी बहुमत भाजपा के हाथों से यह पद झटक लिया। भाजपा प्रत्याशी इस सीट पर पिछले ग्यारह वर्षों से पदासीन थे। भाजपा प्रत्याशी के लिए भाजपा विधायकों ने बड़ा जोर लगाया हुआ था जिसमें लैंसडौन विधायक दिलीप सिंह रावत भी शामिल थे। इस भारी अंतर की हार को भाजपा के खिलाफ भारी नाराजगी के रूप में भी देखा जा रहा है।
नयनियुक्त अध्यक्ष चंद्रेश बौंठियाल ने कहा कि लोक निर्माण विभाग लैंसडौन खुद ऐतिहासिक हो चुका है, मगर वर्तमान भाजपा राज में अपने नाम के अनुरूप काम नहीं कर पा रहा है, इसका एकमात्र कारण विभाग के अधिकारियों पर भाजपा नेताओं का बेवजह का दबाव है।
उन्होंने कहा कि विभाग सुचारू रूप से चले इसके लिए नेताओं की निगरानी आवश्यक है पर नेताओं के बेवजह दबाव से अधिकारी हो सकने वाले कामों को भी करने में अपनी अरुचि दिखाते हैं, जिसका नुकसान ठेकेदारों को उठाना पड़ता है।
चंद्रेश बौंठियाल ने कहा कि डिविजन के विकास के लिए वर्तमान विधायकों मार्गदर्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधायक दिलीप रावत अनुभवी नेता हैं, उनके पिताजी स्वर्गीय भारत सिंह रावत ने इस क्षेत्र के विकास के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था, हमें उम्मीद है कि विधायक जी अपने पिताजी के अधूरे कार्यों को आगे बढ़ा, क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूड़ी से भी मार्गदर्शन लिया जाएगा ताकि क्षेत्र लैंसडौन नाम की ऐतिहासिकता को बरकरार रख सके। उन्होंने कहा कि इस डिविजन की एक विधानसभा से सतपाल रावत खुद लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं, वे पर्यटन मंत्री भी हैं, उम्मीद है कि पर्यटन के विकास के लिए बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग से अपेक्षा रखी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता स्थानीय ठेकेदारों को सीधे ठेके दिए जाने पर रहेगी। बाहरी ठेकेदारों के अनाधिकृत प्रवेश का विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब काम स्थानीय ठेकेदार को ही करना है, तो बीच में किसी बाहरी के रूप में दलाल का क्या काम। उन्होंने कहा कि डबल रॉयल्टी के कारण ठेकेदारों को नुकसान हो रहा है व निविदाओं को जानबूझ कर बड़ा किया जा रहा है जिस कारण स्थानीय ठेकेदार परेशान हैं।